शा मुक्ति, और समृद्ध समाज की परिकल्पना लेकर पदयात्रा पर निकले मुनि श्री सुधाकर महाराज जी पहुंचे जबलपुर
बोले न वोट चाहिए ना नोट, हमे चाहिए सिर्फ आपकी खोट, स्वस्थ्य समाज के लिए सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास की जरूरत।
नशा मुक्ति, और समृद्ध समाज की परिकल्पना लेकर पदयात्रा पर निकले मुनि श्री सुधाकर महाराज जी पहुंचे जबलपुर, बोले न वोट चाहिए ना नोट, हमे चाहिए सिर्फ आपकी खोट, स्वस्थ्य समाज के लिए सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास की जरूरत।
जबलपुर, नशा मुक्ति, सभ्य और भयमुक्त समाज की कल्पना लेकर अपने अभियान पर निकले मुनिश्री श्री सुधाकर जी महाराज की पदयात्रा
जबलपुर पहुंची हुई है। जबलपुर पहुंचते ही मुनिश्री सुधाकर जी महाराज ने प्रवचन किया। प्रवचन का विषय परिवार था, मुनि श्री सुधाकर महाराज जी ने बताया कि जिस तरह से सप्ताह में सात वार होते हैं उससे बढ़कर परिवार होता है, मुनि श्री सुधाकर महाराज ने बताया कि यदि परिवार के बीच शांति,भाईचारा, सौहार्द और अपनापन है तो इससे बढ़कर स्वर्ग कहीं पर नहीं है। मुनिश्री सुधाकर महाराज जी ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य नशा मुक्ति, समरसता, भाईचारा और बिखरते रिश्तों को बचाना है। मुनि श्री महाराज ने बताया कि खासकर के आज की युवा पीढ़ी जिस तरह से नशे की जद में समाती जा रही है वह बेहद चिंता का विषय है। मुनि श्री ने कहा कि नशा व्यक्ति का ही नहीं बल्कि व्यक्तित्व का भी नाश करता है, मुनि श्री बातचीत में कहा कि यदि नशा करना है तो आनंद का नशा करिए, उच्च संस्कारों का नशा करिए, क्षणिक सुख के लिए इस तरह से नशे से अपने आप को नाश मत करिए ।
पदयात्रा में भी हो रहा लोगों का कल्याण।
मुनि श्री सुधाकर महाराज जी ने बताया कि उनकी इस पदयात्रा के दौरान भी बहुत सारे व्यक्ति आकर मिलते हैं जो अलग-अलग समस्या से घिरे हैं जिनका भी इस पदयात्रा के माध्यम से समाधान किया जा रहा है। मुनिश्री ने इस यात्रा के दौरान एक अनुभव को साझा करते हुए कहा कि पिछले दिनों उनकी यात्रा में एक गैर जैन समाज के व्यक्ति जो नशे का आदी था उनकी मुलाकात हुई और सुधाकर महाराज जी के उपदेश और मार्गदर्शन के बाद उस व्यक्ति ने शराब को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
ना वोट, ना नोट सिर्फ चाहिए आपकी खोट।
मुनि श्री सुधाकर महाराज जी ने अपने इस पदयात्रा के दौरान चर्चा करते हुए बताया कि हमें समाज से ना वोट चाहिए ना नोट चाहिए हमें सिर्फ समाज के उन व्यक्तियों की कोर्ट चाहिए जिनको लेकर हम उनके अंदर सदगुण भर सके, समाज को संयम करने की उन्हें प्रेरणा दे सके, समाज में समरसता लाने की शक्ति दे सके, समाज को सुदृढ़ करने के लिए उन्हें संकल्पित कर सके।
सरकार और समाज का संयुक्त प्रयास की जरूरत।
मुनि श्री सुधाकर महाराज जी ने कहा कि नशा मुक्ति, समरसता और स्वच्छ समाज की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार कि नहीं है बल्कि हमारे समाज का भी नैतिक दायित्व है कि वह सरकार के साथ साझा प्रयास करके इस तरह से बढ़ते नशे और नशे के कारण घटित अपराधों से लोगों को मुक्ति दिलाए ताकि हम जिस सभ्य समाज की कल्पना कर रहे हैं वह साकार हो सके।
नशे से बड़ा दुर्गुण क्रोध है।
मुनि श्री सुधाकर महाराज जी ने बताया कि यूं तो नशा के कारण व्यक्ति का तो नाश तो करता ही है साथ ही व्यक्तित्व का भी नाश करता है लेकिन गुस्सा उसे भी बड़ा दुर्गुण है मुनि श्री ने कहा कि क्रोध में इंसान अपनी इंद्रियों पर से कंट्रोल खो बैठता है और क्रोध से जो नुकसान होता है उसका असर न केवल उस क्रोध करने वाले व्यक्ति पर पड़ता है बल्कि उसका असर समस्त परिवार के साथ समूचे समाज पर भी पड़ता है।
1 जनवरी तक जबलपुर प्रवास, उसके बाद ग्वालियर निकलेगी पदयात्रा।
मुनि श्री सुधाकर महाराज जी की नशा मुक्ति और समृद्ध समाज को लेकर नवंबर महीने में छत्तीसगढ़ से शुरू हुई यह पदयात्रा 14 दिसंबर को मंडला के रास्ते मध्य प्रदेश में प्रवेश हुई उसके बाद कई जगह पर होते हुए यह पदयात्रा 30 दिसंबर को जबलपुर पहुंची। यात्रा का पड़ाव 1 जनवरी तक जबलपुर में ही रहेगा, जहां पर महाराज जी पदयात्रा और प्रवचन कर लोगों को संदेश देंगे उसके बाद नशा मुक्ति अभियान के खिलाफ चल रही यह पदयात्रा 2 जनवरी की सुबह ग्वालियर के लिए रवाना होगी जो छतरपुर के रास्ते कई जगहों से होते हुए ग्वालियर पहुंचेगी।