पत्रकारिता विभाग, रादुविवि में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
हिंदी भाषी संचार माध्यमों में हो केवल हिन्दी का प्रयोगः कुलगुरू प्रो. राजेश कुमार वर्मा
जबलपुर 30 मई। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में प्रोफेशनली एजुकेटेड जर्नलिस्ट काउंसिल (पीइजेसी) के संयुक्त तत्वाधान में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर हिंदी पत्रकारिता का इतिहास, भविष्य एवं रोजगार की संभावनाएं विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरू प्रो. राजेश कुमार वर्मा ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी केन्द्रित पत्रकारिता की आज सर्वाधिक जरूरत है, पहल इस बात पर होनी चाहिए कि हिंदी भाषी संचार माध्यमों में केवल हिन्दी का प्रयोग हो। आगामी समय हिन्दी पत्रकारिता को सभी संचार माध्यमों को पुनस्थापित करने की जरूरत है. जिसमें लिखने से लेकर बोलने तक में केवल हिन्दी भाषा के शब्दों का ही उपयोग हो।
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र पाठक ने कहा कि आज की तारीख ऐतिहासिक है क्योंकि आज ही के दिन अर्थात 30 मई, 1826 ई. को भारतवर्ष की भूमि पर पंडित युगल किशोर शुक्ल के द्वारा कलकत्ता से प्रथम हिन्दी समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन आरंभ किया गया था। यूं तो साप्ताहिक समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड के प्रकाशन के पूर्व राजा राम मोहन राय ने सबसे पहले प्रेस को सामाजिक उद्देश्य से जोडा और भारतीयों के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक हितों का समर्थन किया, लेकिन इसे व्यवस्थित रूप से बलाने का श्रेय जाता है युगल किशोर शुक्ल को। अंग्रेजी हुकूमत का वो दौर, जिसमें भारतीय जनमानस गुलामी की मानसिकता में पूर्ण दीक्षित हो चुका था, उस वक्त किसने यह कल्पना की होगी कि 30 मई, 1826 ई. को रोपित हिंदी पत्रकारिता का बीज, भविष्य में इतना बड़ा स्वरूप ग्रहण कर लेगा, जो आगे बलकर लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ के रूप में यह परिभाषित किया जायेगा।
नई तकनीक व हिंदी भाषा को अपना साथी बनाएं-
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री काशिनाथ शर्मा ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता ने देश के सामाजिक व सांस्कृतिक जन-जागरण में महत्वपूर्ण भूमिको निभाई है। आजादी से पूर्व व आजादी के बाद
हिंदी पत्रकारिता ने देश के नव निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज डिजिटल मीडिया गाध्यमों के विकास के कारण हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इसलिए भावी पत्रकारों को चाहिए वे नई तकनीक व हिंदी भाषा को अपना साथी बनाएं। पत्रकारिता के क्षेत्र में नए अवसर उन्हीं लोगों को मिलेंगे जो युवा तकनीकी रूप से कुशल व हिन्दी भाषा से समृद्ध और समर्थ होंगे। श्री शर्मा ने कहा कि आज के समय डिजिटल मीडिया पर सबसे ज्यादा माग हिंदी को जानने वालों की है।
विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम-
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, इस सत्र में पत्रकारिता के विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासाओं को अतिथियों के सामने रखा, जिसपर अत्तिथियों द्वारा उनकी जिज्ञासाओं का विस्तृत समाधान भी प्रदान किये गए। कार्यक्रम में विभाग के पूर्व छात्र एवं ऑल इंडिया रेडियो के श्री संजय पाटकर ने विद्यार्थियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के अवसरों पर जानकारी प्रदान की। संचालन डॉ संजीव श्रीवास्तव व आभार प्रदर्शन डॉ. प्रमोद पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर डॉ. मोहम्मद जावेद, डॉ शैलेष प्रसाद, डॉ. मोहनिका गजभिए सहित विभाग के सभी जीजेसी, एमजेसी, एमएएमसी, बीएजेएमसी के विद्यार्थी मौजूद रहे।