संस्कारधानी जबलपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया

रुबीना को बचपन से ही शूटिंग का शौक था. उन्होंने मजबूत हौसले और प्रतिभा से पैरिस पैरालिम्पिक में ब्रॉन्ज मैडल जीता है।

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संस्कारधानी जबलपुर की एक बेटी ने दिव्यांगता की बेड़ियों को तोड़कर संस्कारधानी जबलपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। जबलपुर की रहने वाली एक मैकेनिक की बेटी रुवीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालिम्पिक 2024 के तीसरे दिन वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। रुबीना फ्रांसिस ने फाइनल मुकाबले में 211.1 अंक हासिल किए है। जिसके बाद अब परिवार में बेहद खुशी का माहौल है घर में मिठाईयां खिलाकर एक दूसरे का मुंह मीठा कराया है। वही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर संस्कारधानी की बेटी को बधाई दी है। बता दे कि पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के पदकों की संख्या अब पांच हो गई है। भारत ने अब तक एक गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।

रुबीना को बचपन से ही शूटिंग का शौक था. उन्होंने मजबूत हौसले और प्रतिभा से पैरिस पैरालिम्पिक में ब्रॉन्ज मैडल जीता है। इससे पहले रुबीना ने फ्रांस मे दिव्यांगों के लिए आयोजित शूटिंग प्रतियोगिता में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था। वहीं इस जीत पर रुबीना के माता-पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। बता दें कि रुबीना की मां सुनीता फ्रांसिस जबलपुर के प्रसूतिका गृह में नर्स हैं,वहीं उनके पिता साइमन मोटर मैकेनिक का काम करते हैं।

रुबीना फ्रांसिस की माँ सुनीता फ्रांसिस कहती है कि आज हमे इतनी खुशी और गर्व है कि हमारी बेटी ने देश को एक मेडल दिया है देश का नाम रोशन किया है हम चाहते हैं कि भगवान जो बिना जैसी बेटी हर मां-बाप को दे। रुवीना ने बचपन से ही बहुत संघर्ष किया है, रुबीना के निजी स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी इसमें जबलपुर के गन ऑफ गिलोरी वाले आए हुए थे। जिसमें बेटी ने प्रथम स्थान हासिल किया था। उसे दौरान गन ऑफ ग्लोरी के कोच निशांत नथवाणी ने कहा कि आप बेटी को यह गेम खिलाइये। तब हम लोगों ने अपनी स्थिति को देखते हुए यह गेम खिलाने से मना कर दिया था। क्योंकि हम मध्यम परिवार से थे यह गेम नहीं खिला पा रहे थे। उस दौरान कोच निशांत नथवाणी ने कहा बेटी में बहुत टैलेंट है बहुत आगे जाएगी आप पैसे की टेंशन मत लीजिए हम मदद करेंगे आप बस बेटी को खेलने की अनुमति दीजिए जिसके बाद उन्होंने बहुत मदद की।

वही रुबीना फ्रांसिस के पिता साइमन फ्रांसिस का कहना है की वह कैंट बोर्ड में मैकेनिक का काम करते है, उनका सपना था कि उनकी बेटी ओलंपिक में मेडल जीते और आज वह सपना बेटी ने पूरा कर दिया। बेटी को आगे बढ़ाने में गन ऑफ ग्लोरी अकैडमी ने भी बड़ा सहयोग दिया है। इससे पहले बेटी ने ढेरो मेडल जीते हैं। रुबीना के पिता कहते हैं कि हर मां-बाप को बच्चों के लिए आगे आकर उनको सपनों को पूरा करना चाहिए।

पेरिस पैरालम्पिक जीतने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर रुबीना फ्रांसिस को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने X में ट्वीट कर लिखा है कि पेरिस पैरालम्पिक 2024 में महिला 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1) स्पर्धा में भारतीय निशानेबाज व जबलपुर की बेटी रूबीना फ्रांसिस को कांस्य पदक जीतने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, बेटी रूबीना आपकी ये जीत देश के साथ प्रदेश के युवाओं खासकर बेटियों के लिए संघर्ष से सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी, बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि आपकी जीत का यह क्रम निरंतर चलता रहे और आप इसी तरह देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश को भी गौरवान्वित करती रहें।

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