आम जनता और छात्रों के हक के लिए एनएसयूआई का बिगुल
क्या यही है वो प्रदेश सरकार जो सपनों को साकार करने का वादा करती थी?
जबलपुर। क्या यही है वो प्रदेश सरकार जो सपनों को साकार करने का वादा करती थी? क्या यही है वो सरकार जो युवाओं के भविष्य की बात करती थी? इन सवालों को लेकर, आज एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में जबलपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इसमें एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सचिन रजक समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य 16 दिसंबर को प्रस्तावित प्रदेशव्यापी विधानसभा घेराव की रणनीति को अंतिम रूप देना था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जी के निर्देशानुसार, 16 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में विधानसभा घेराव किया जाएगा। यह घेराव भाजपा सरकार की नाकामियों और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता की आवाज बुलंद करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने बैठक में समस्त छात्र से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। विश्वविद्यालयों में राजनैतिक गठजोड़ के आधार पर अयोग्य और अनुभवहीन व्यक्तियों को कुलगुरु नियुक्त किया जा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। छात्रावासों की स्थिति दयनीय है, जहां छात्रों को बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। छात्रसंघ चुनाव न होने से छात्रों की आवाज दबाई जा रही है, और स्कॉलरशिप भी समय पर नहीं मिल रही, अनुसंधान कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है। इसके अलावा, प्रदेश में दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं, जबकि चिकित्सा, शिक्षा और कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। माफियाओं का राज फैलता जा रहा है और सरकार इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है।
यह केवल शिक्षा का मुद्दा नहीं है। यह प्रदेश की आत्मा पर चोट का समय है। दलितों पर अत्याचार, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, आदिवासियों की उपेक्षा – ये सब स्पष्ट दर्शाते हैं कि सरकार इन मुद्दों पर कितनी संवेदनशील है।
16 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। उसी दिन कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। यह संघर्ष केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं है, यह उन सपनों के लिए संघर्ष है जो सरकार की लापरवाही में दम तोड़ रहे हैं।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने भावुक अपील करते हुए कहा,”आज हमें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा होना होगा। यह लड़ाई केवल छात्रों की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो न्याय, शिक्षा और भविष्य की उम्मीद करता है। आइए, इस घेराव में शामिल हों और सरकार को याद दिलाएं कि सत्ता जनता के लिए होती है, उनके खिलाफ नहीं।”
आज की इस बैठक मे मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष सचिन रजक, संगठन प्रभारी साहिल यादव, राष्ट्रीय सचिव करन तामसेतवार, अमित मिश्रा, कौशल यादव, नीलेश माहर,मो अली,यशू नीखरा,राहुल यादव,अदनान अंसारी,अचलनाथ, सहित भारी संख्या मे पदाधिकारीगण एव छात्र उपस्थित थे।