अफसर कह रहे नि:शुल्क का दावा,मातहत मांग रहे पैसे!

पशुपालन विभाग में अजब खेल,निजी बाजार में बिक रहीं मूक पशुओं की दवाएं,कई शिकायतों के बाद उच्चाधिकारी चुप

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अनूपपुर। अनूपपुर के पशुपालन विभाग में इन दिनों अजब खेल चल रहा है। एक तरफ पशु पालन डेयरी विभाग के उप-संचालक कह रहे हैं कि गौवंश और भैंसवंश का टीकाकरण मुफ्त किया जाएगा,लेकिन अनूपपुर में तैनात अमला खुलेआम पैसा मांग रहा है। इन कर्मचारियों का कहना है कि सरकार मुफ्त में दवा नहीं देती,बल्कि पैसे चुकाने पड़ते हैं। अब उप-संचालक झूठ बोल रहे हैं या फिर भृत्य और बाबू स्तर के कर्मचारी, ये तो विभाग की बताएगा पर अपने मवेशियों का इलाज कराने जा रहे लोग लुट रहे हैं।
-मेडिकल स्टोर्स में बिक रहीं दवाएं
इधर, पशु पालन विभाग में पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पशु पालन विभाग में चपरासी से लेकर हर वह पशु चिकित्सा कर्मचारी बिना पैसे लिए किसी भी पशु जानवर का इलाज नहीं करता। पशु आहार और रोजमर्रा की दवाइयों के लिए पशु मालिक से मोटी रकम ऐंठी जा रही है। नि:शुल्क दवाएं मेडिकल स्टोर्स में बेंची जा रही हैं और पशुमालिक को फिर उसी मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने मजबूर किया जाता है। कई वर्षों से गौ सेवा के नाम हर महीने चारा भूसा आहार का फंड गौ शाला संचालन करने वाले खा रहे हैं। मवेशी भूखे प्यासे मर रही हैं और यह भूसा आहार तक खाने पीने में लगे हैं कोई भी इन गौ शाला के नाम इस लूटपाट पर लगाम नहीं कस पा रहा है।
-क्या ऊपर तक जा रहा है कमीशन
इधर, अनूपपुर में अब ये चर्चा आम हो चुकी है कि पशुपालन विभाग में भ्रष्टाचार की इतनी शिकायतों पर भी उच्चाधिकारी चुप क्यों बैठे हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं ऐसा न हो कि दवाओं और आहार की कालाबाजारी से आने वाले धन का एक हिस्सा ऊपर भी भेजा जाता हो। दबी जबान से लोग ऐसे आरोप कई बार लगाए जा चुके हैं,लेकिन इस बारे में न तो स्पष्टीकरण दिया गया और ना ही भ्रष्ट अमले पर कभी कार्रवाई हुई। निजी बाजार में दवाएं बेंचने के बाद उसे किस तरह रिकॉर्ड में चढ़ाया जाता होगा और किन-किन पशुमालकों के फर्जी नाम लिखे गये होंगे, ये जांच का विषय हो सकता है।

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