एक साहब बोले, कार्रवाई होती रहती है, दूसरे ने कहा, मुझे जानकारी ही नहीं!

आईएसबीटी से अवैध बसों का संचालन बेधड़क जारी,पुलिस भी इस गोरखधंधे में निभा रही साथ, सरकार को टैक्स की चपत

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एक साहब बोले, कार्रवाई होती रहती है, दूसरे ने कहा, मुझे जानकारी ही नहीं!
आईएसबीटी से अवैध बसों का संचालन बेधड़क जारी,पुलिस भी इस गोरखधंधे में निभा रही साथ, सरकार को टैक्स की चपत

जबलपुर। आईएसबीटी से बसों का अवैध संचालन बदस्तूर जारी है। किसी और परमिट की बसें यात्रियों को ढो रही हैं। कुछ बसें ऐसी भी हैं,जो बिना परमिट ही चल रही हैं,जिससे सरकार को टैक्स की चोट लग रही है। इस मामले में जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप शेंडे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिकायत आती हैं और लगातार कार्रवाई की जाती है। इसी मामले में आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी ही नहीं है। अब अधिकारियों के बीच तालमेल का ये हाल है तो अवैध बस संचालकों की चांदी तो होनी ही है।
-नियम ताक पर, मनमानी चरम पर
े निजी बस संचालक अवैध तरीके से बसों का संचालन करते आ रहे हैं। टूरिस्ट बसें हो या फिर ऑल इंडिया परमिट की बसें सब यहीं से बेधड़क संचालित हो रही हैं। परिवहन के सारे नियम ताक पर रखते हुए सवारियां बैठाई जा रही हैं और मनमानी ओवरलोडिंग भी की जा रही है। बस संचालकों द्वारा नजराना दिया जा रहा है और बसें दौड़ रही हैं।
आईएसबीटी बस स्टैंड जब से बना है तब से यहां पर इस तरह की बसों को संचालन होता आ रहा है लेकिन जिस हिसाब से अभी हो रहा है यह पहले कभी नहीं हुआ।
-बस स्टैंड में काउंटर भी खोल लिए
जानकारों का कहना है कि परिवहन विभाग का ऐसा कोई नियम नहीं है कि बस स्टैंड के अंदर सबके सामने छोटे-छोटे अपने काउंटर लगाए ओर मनमाने किराए पर बहुत से बस संचालक टूरिस्ट बसों और ऑल इंडिया परमिट की बसों के लिए यहीं से सवारी भर रहे हैं। इन सब की जानकारी पुलिस और आरटीओ विभाग दोनों को है लेकिन समय-समय पर इन सब के पास इन बस संचालकों के द्वारा मोटी-मोटी रकम पहुंचाई जाती है।

-ऐसा है अंधेरगर्दी का आलम
परिवहन विभाग और पुलिस अधिकारियों की मिली भगत के कारण ही इन टूरिस्ट और ऑल इंडिया परमिट की बसों में भी मनमाना लगेज भर के यहां से इन बसों में जाता है। लोगों का कहना है कि यह सब भी इन अधिकारियों को नहीं दिखता। आखिर ऐसा परिवहन विभाग में कौन से नियम आ गए हैं की इतनी अंधेर गर्दी से इन बसों का संचालन हो रहा है। आईएसबीटी बस स्टैंड से कुछ बसें ऐसी भी चल रही है जो स्लीपर बसों के नाम से जानी जाती हैं। इन स्लीपर बसों में सवारी के साथ-साथ अधिक मात्रा में सामान भी भरा जाता है। इससे इन बसों की ऊंचाई और भी अधिक हो जाती है। हाईवे पर स्लीपर बसें तेज रफ्तार से चलती हैं अधिक ऊंचाई के कारण संतुलन बिगड़ जाता है लेकिन फिर भी यह सब जानते हुए जानकारी और जिम्मेदार इन बस संचालकों को अपने निजी फायदाओं के लिए यात्रियों की जान से खिलवाड़ करवा रहे हैं।

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