प्रशासनिक अराजकता की भेंट चढ़ी धान खरीदी- भारतीय किसान संघ

खुले में रखा लाखों क्विंटल धान पानी में भीगा।

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प्रशासनिक अराजकता की भेंट चढ़ी धान खरीदी- भारतीय किसान संघ
खुले में रखा लाखों क्विंटल धान पानी में भीगा।
बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान, भारतीय किसान संघ ने सरकार से सर्वे कर किसानों को मुआवजा देने की रखी मांग।

जबलपुर 28 दिसंबर। बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी केंद्रों में खुले में पड़ी लाखों क्विंटल धान बर्बादी की कगार पर है। कई खरीदी केन्द्रों में दो दो फीट तक पानी भर गया है। धान को पानी से बचाने के लिए जो इंतजाम किए गए वो नाकाफी साबित हो रहे हैं। भारतीय किसान संघ ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जबलपुर जिले में धान खरीदी प्रशासनिक अराजकता की भेंट चढ़ रही है। किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल ने कहा कि मौसम विभाग के द्वारा जब एक सप्ताह पूर्व 28 दिसंबर को भारी बारिश का अलर्ट दिया था, जिसे किसान संघ ने भी प्रशासन को अवगत कराया था तो समय रहते धान खरीदी केंद्रों पर प्रशासन के द्वारा क्यों पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। श्री पटेल ने कहा कि प्रशासन से बार बार मांग करने पर भी केंद्रों से धान का उठाव व परिवहन नहीं किया गया। जो गंभीर प्रशासनिक अराजकता की श्रेणी में आता है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मांग की कि इस मामले में जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही होनी चाहिए।

खरीद समितियों का नान से अनुबंध नहीं
भारतीय किसान संघ का कहना है कि धान खरीद कर रही समितियों का नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंध नहीं किया गया और समितियों के माध्यम से खरीदी प्रारंभ कर दी गई। जब बारिश से धान खराब हो जाएगी तो बिना अनुबंध किसकी जिम्मेदारी होगी। किसानों ने अपने लाखों रुपए की मेहनत की कमाई खरीदी केंद्रों में लाकर विक्रय के लिए रख दी है। तुलाई उपरांत यदि किसान को इस घोर लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा तो भारतीय किसान संघ किसानो के समर्थन में सड़कों पर होगा।

उठाव व परिवहन में बरती गंभीर लापरवाही
किसान संघ ने कहा कि प्रशासन ने धान उठाव व परिवहन में गंभीर लापरवाही बरती है। जब उपार्जन नीति में नए प्रावधानों के तहत धान को सीधे मिलर्स को देना थी तो इस दिशा में व्यवस्था बनाने में कोताही क्यों की गई। जब मिलर्स के पास केंद्रों से धान परिवहन की सुविधा नहीं थी तो समय रहते परिवहन का टेंडर क्यों नहीं निकाला गया। यह गंभीर लापरवाही है, इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही होना चाहिए।

तत्काल सर्वे कर मुआवजा देने की मांग
किसान संघ के जिला मंत्री धनंजय पटेल ने बताया कि बेमौसम बारिश के कारण किसानों की चना, मटर, मसूर की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। गेहूं के खेतों में भी गेहूं 6 इंच तक डूब गए हैं जिससे गेहूं की फसल के भी खराब होने की संभावना बढ़ गई है। जिला मंत्री श्री पटेल ने मांग की कि सरकार बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कर उचित मुआवजा किसानों को प्रदान करे।

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