जबलपुर। अनाप-शनाप फीस वसूली और बच्चों की किताबों से कमीशन कमाकर आलीशान जिंदगी जीने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ शिकंजा कसने से अन्य निजी स्कूल भी तिलमिला उठे हैं। जैसे ही निजी विद्यालयों ने हड़ताल का ऐलान किया, वैसे ही पैरेंट्स का गुस्सा भी उबल पड़ा। पैरेन्ट्स ने कहा कि चोरी के बाद सीनाजोरी करने पर आमादा इन स्कूल संचालकों को ना तो न्यायालयीन प्रक्रिया पर यकीन है और ना ही प्रशासनिक कार्रवाई पर इसलिए अब ये जनता को ब्लैकमेल करने पर उतारू हैं। हालाकि, अभिभावकों ने कहा कि वे माननीय न्यायालय से मांग करते हैं कि वे निजी स्कूलों की इस मनमानी पर संज्ञान लेकर इस हड़ताल को अवैध घोषित करें।
-पढ़ाई का कार्रवाई से क्या कनेक्शन
पैरेंट्स का कहना है कि जो कार्रवाई स्कूलों पर हुई है, वो प्रशासनिक है और स्कूलों में स्टडी होती है। इन दोनों में क्या कनेक्शन है, ये समझ में नहीं आ रहा है। स्कूल फिर वही कर रहे हैं, जो पहले करते आए हैं, फीस लेंगे,लेकिन पढ़ाएंगे नहीं। निजी स्कूलों ने सरकार और सिस्टम पर दबाव बनाने ये नया खेल खेला है।
-दिल्ली तक माफिया हुआ एकजुट
निजी स्कूलों के खिलाफ जबलपुर में प्रदेश और देश भर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई। 81 करोड़ रूपये की मनमानी फीस वसूली करने वाले 11 निजी स्कूलों से जुड़े 21 लोगों को जेल हो चुकी है। इस कार्रवाई के जवाब में निजी स्कूल वाले एकजुट हो चुके हैं। जबलपुर की कार्रवाई पर सरकार और प्रशासनिक सिस्टम पर दबाव बनाने के लिये निजी स्कूल संचालकों ने स्कूल खोलने का समय और दिन बताना अभिभावकों को बंद कर दिया। जो निजी स्कूल अप्रैल माह में ही बता दिया करते थे कि उनके स्कूल की कक्षाएं 15,18 या 20 जून से ओपन होंगी। अब वही स्कूल वाले नया मैसेज अभिभावकों को भेजकर बता रहे हंै,कि स्कूल कब खुलेंगे,यह अगले मैसेज मेें बताया जायेगा।
-प्रशासन को नहीं दी जानकारी
निजी स्कूलों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई से डरे निजी स्कूल माफिया ने नया षडयंत्र रचा है। सरकार पर दबाव बनाने के लिये स्कूलों को खोलने की जानकारी तक अभिभावकों को नहीं दी जा रही। जबलपुर में ही अधिकांश अभिभावक रोज यह पूछताछ कर रहे है कि स्कूल कब खुलेंगे। तो अभिभावकों को मैसेज पर यह अधिकृत जानकारी भेजी गई कि कब खुलेंगे यह आने वाले दिनों में बतायेंगे। यह एक नहीं दर्जनों निजी स्कूलों का हाल है। वहीं खास बात यह है कि जबलपुर जिला प्रशासन को फिलहाल इस मामले की जानकारी नहीं है। लेकिन निजी स्कूलों के संचालकों ने अभिभावकों को यह अहसास करा दिया कि वह चाहेंगे,तभी उनका बच्चा स्कूल में आगे की पढ़ाई कर सकेगा।
भोपाल और दिल्ली में गोपनीय बैठक
निजी अशासकीय स्कूल संगठनों की भोपाल और दिल्ली में गोपनीय बैठकों का दौर कई हफ्तों से जारी है। सूत्रों के अनुसार नाइन मसाला रेस्टोरेंट भोपाल में निजी स्कूल संचालकों ने बैठक आयोजित कर अनिश्चितकालीन स्कूल बंदी का निर्णय लिया। अभिभावकों को सीधे तौर पर वाट्सएप में मैसेज भी भेजे गये। जिसमें पहले स्कूल किस दिनांक से खुलेंगे यह बताया और फिर बताया कि अब कब खुलेंगे यह बाद में बताया जायेगा।
-वर्जन
निजी स्कूलों की हड़ताल के बारे में जिला प्रशासन को अधिकृत तौर पर किसी तरह की सूचना नहीं दी गयी है। ये प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। विशेषज्ञों की राय लेकर आगे कदम उठाया जाएगा।