माता पिता की दुआओं का साथ जरूरी है

विराट कवि सम्मेलन में कवियों ने वाहवाही बटोरी

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कवयित्री इंदु सिंह कंचन की कृति मन की पाती लोकार्पित

प्रसंग संस्था के तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन के साथ कवयित्री इंदु सिंह कंचन के काव्य संग्रह मन की पाती का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर सुनील साहू एवं दीप्ति मुले को पत्रकारिता के लिए शाल श्रीफल मानपत्र से सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन की मुख्य अतिथि डॉ.अनामिका तिवारी रहीं अध्यक्षता गीता शुक्ला ने की तथा सारस्वत अतिथि निर्मला तिवारी रहीं जबकि विशेष अतिथि के रूप में डा. अंबर प्रियदर्शी, प्रतुल श्रीवास्तव, राजेश पाठक, उपस्थित रहे । मंगल भाव यशोवर्धन पाठक ने व्यक्त किये। कवि सम्मेलन में
मुख्य रूप से 51 आमंत्रित रचनाकारों ने काव्य पाठ किया जिसमें विशेष रूप से अनुराधा गहरवार कोतमा, दीपिका कटरे पुणे, उपस्थित रहीं इसके साथ ही नगर के रचनाकारों में
इंजी. विनोद नयन पढ़ा
हम सब बलंदी पर हो मगर पहले
माता पिता की दुआओं का साथ जरूरी है
शशि सिंह परिहार ने कहा
क्या करें अश्क छलक जाते हैं
कौन सैलाब रोक पाया है
राशिद राही ने कहा
ना नेताजी से पूछेंगे ना भैया जी से पूछेंगे
प्रेम की परिभाषा हम कन्हैया जी से पूछेंगे
डॉ. मकबूल अली ने कहा
जब सुनाई थी मैंने खुशी की ख़बर
भाई अपने ही मुझको गिराने लगे
जयप्रकाश श्रीवास्तव, मीना भट्ट, अर्चना द्विवेदी, डॉ. विजय तिवारी, प्रभा विश्वकर्मा, राजेंद्र मिश्रा, तरुणा खरे, मनीष तिवारी, प्रीति नामदेव, सुभाष शलभ, लता गुप्ता, मनोज शुक्ला, डॉ. गीता पांडे, सुशील श्रीवास्तव, डॉ. छाया सिंह, विजय नेमा, मंजू गोरे, संतोष नेमा, आलोक पाठक, डॉ अनिल कोरी, डॉ मकबूल अली, मदन श्रीवास्तव, एम पी कोरी आदि ने अपनी काव्य रचनाओं से वाह वाही बटोरी ।संचालन इंजी. विनोद नयन,
डॉ मुकुल तिवारी, डॉ विनीता पांडे, सिद्धेश्वरी सराफ ,विनीता पैगवार ने किया ।अंत में सभी के प्रति डा. रानू रूही ने आभार व्यक्त किया

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