बलात्कार पीड़िताओं के संरक्षण की पॉलिसी पेश करो रिकार्ड पर न होने पर सुनवाई दो सप्ताह बढ़ी
हाईकोर्ट ने सभी उम्र की बलात्कार पीड़िताओं के संरक्षण के लिए सरकार को पॉलिसी पेश करने के आदेश जारी किये
जबलपुर। हाईकोर्ट (HIGHCOURT) ने सभी उम्र की बलात्कार पीड़िताओं के संरक्षण के लिए सरकार (GOVERNMENT) को पॉलिसी पेश करने के आदेश जारी किये थे। चीफ जस्टिस (CHIEF JUSTICE) रवि विजय मलिमथ वजस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार की ओर से पेश पॉलिसी के रिकॉर्ड में न आने पर मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिये मुलतवीं कर दी।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री (CM) के आश्वासन के बावजूद भी गैंगरेप पीड़िता तथा उसकी बहन की स्कूल फीस जमा नहीं किये जाने के संबंध में अखबार में खबर प्रकाशित हुई थी। उक्त खबर को सीजे ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई के निर्देश दिये थे। प्रकाशित खबर के अनुसार मंदसौर जिले में जून 2018 को सात साल की बच्ची का स्कूल से दो लोगों ने अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था। आरोपियों ने उसका दो बार गला काटकर उसे मरने के लिए छोड़ दिया था। डॉक्टरों ने बच्ची के कई ऑपरेशन कर उसे बचा लिया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़िता और उसके परिवार से वादा किया था कि सरकार उसकी और उसकी बहन की शिक्षा का ख्याल रखेगी। सरकार ने इंदौर के एक निजी स्कूल में दोनों बहनों का दाखिला कराया था। स्कूल प्रबंधन ने इंदौर कलेक्टर और जिला शिक्षा विभाग को 14 लाख रुपये बकाया का नोटिस भेजा था। नोटिस पर जिला शिक्षा अधिकारी का तर्क था कि प्रवेश के लिए सरकार द्वारा स्कूल को दिए गए पत्र में यह उल्लेख नहीं किया गया था कि फीस का भुगतान कौन करेगा। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता राज्य द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद भी उत्पीडऩ से गुजर रही है। यह काफी चौंकाने वाली स्थिति है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर तथा स्कूल प्रबंधन को भी नोटिस जारी हलफनामा में जवाब पेश करने आदेश जारी किये थे। कई अवसर देने के बावजूद भी जवाब पेश नहीं किये जाने को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग तथा कलेक्टर इंदौर पर 25-25 हजार रूपये की कास्ट लगाई थी। युगलपीठ ने कॉस्ट की राशि व्यक्तिगत रूप से जमा करने के आदेश जारी किये थे। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि पॉक्सो एक्ट की धारा 4 व 6 के तहत पीड़ित के संरक्षण के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिये गये है। युगलपीठ ने सभी उम्र की बलात्कार पीड़िताओं के संरक्षण के लिए पॉलिसी पेश करने के आदेश दिये थे। मामले में आगे हुई सुनवाई के दौरान पेश की गयी पॉलिसी रिकॉर्ड में नहीं आने के कारण न्यायालय ने सुनवाई दो सप्ताह के लिये मुलतवीं कर दी