रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय: कुलगुरु की अनियमितताओं और महिला अधिकारी के प्रति अशोभनीय आचरण पर एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन,
विश्वविद्यालय के इतिहास में कुलगुरु कि नियुक्ति को बताया काला धब्बा, तत्काल धारा ५२ लगाने की मांग, विश्वविद्यालय में रौंपे बेशर्म के पौधे।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय: कुलगुरु की अनियमितताओं और महिला अधिकारी के प्रति अशोभनीय आचरण पर एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन,
विश्वविद्यालय के इतिहास में कुलगुरु कि नियुक्ति को बताया काला धब्बा, तत्काल धारा ५२ लगाने की मांग, विश्वविद्यालय में रौंपे बेशर्म के पौधे।
जबलपुर, 06 जनवरी: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीवीवी) के कुलगुरु प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा की अक्षमता, अनियमितताओं और महिला अधिकारी के प्रति अशोभनीय आचरण के खिलाफ एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय सचिव देवकी पटेल, एवं अनुराग शुक्ला के नेतृत्व में आज जोरदार प्रदर्शन किया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने “बेशर्म के पौधे” लगाकर विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और कुलगुरु की अमर्यादित कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई। कुलगुरु के बाहर न आने पर छात्रों ने बेशर्म के पौधे उनकी गाड़ी पर रख दिए। यह बेशर्म के पौधे उन पर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद उनके इस्तीफे न देने के विरोध में रौंपे गए।
एन एस यू आई राष्ट्रीय सचिव देवकी पटेल ने कहा कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जो न केवल विश्वविद्यालय की गरिमा बल्कि शिक्षा व्यवस्था की नैतिकता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े करते हैं। महिला सहायक कुलसचिव ने कुलगुरु पर अशोभनीय आचरण और अभद्र इशारों जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जो महिला सम्मान और कार्यस्थल की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। इसके अलावा, कुलगुरु की नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों का उल्लंघन करते हुए की गई, क्योंकि उनके पास इस पद के लिए आवश्यक अनुभव और योग्यता नहीं है। साथ ही, उनके नेतृत्व में शैक्षणिक अनियमितताएं चरम पर हैं। परीक्षा परिणामों में त्रुटियों, PhD प्रवेश प्रक्रिया में देरी और उत्तर पुस्तिकाओं की लापरवाह जांच ने छात्रों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। कुलगुरु की यह निष्क्रियता और अनियमितताएं विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। ज्ञात हो कि कुलगुरु महोदय छात्रों से मिलते भी नहीं है। उनका छात्रों और उनकी समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। अतः आज उन्हें आईना दिखाने के उद्देश्य से उनके समक्ष बेशर्म के पौधे लगाए हैं।
एन एस यू आई के अनुराग शुक्ला ने कहा कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जो कभी शिक्षा और गरिमा का प्रतीक था, आज अपने नेतृत्व की अक्षमता और अनैतिक आचरण के कारण शर्मसार हो रहा है। कुलगुरु पर लगे महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के आरोप न केवल महिला सम्मान पर गहरा आघात हैं, बल्कि यह हमारे समाज की नींव को भी कमज़ोर करता है। इस मामले में राज्य महिला आयोग द्वारा जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर इस मामले की जांच को कहा है, परंतु यदि कुलगुरु अपने पद पर बने रहेंगे तो निःसंदेह जांच को प्रभावित करेंगे। अतः उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
एनएसयूआई ने कुलगुरु की बर्खास्तगी और स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि:
1. निष्पक्ष जांच: महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों और कुलगुरु की अवैध नियुक्ति की गहन जांच हो।
2.पद से हटाना: कुलगुरु को तत्काल उनके पद से बर्खास्त किया जाए ताकि जांच निष्पक्ष रूप से हो सके।
3.योग्य नेतृत्व: विश्वविद्यालय में छात्रों और कर्मचारियों के हित में एक योग्य, नैतिक और अनुभवी कुलगुरु की नियुक्ति की जाए।
एनएसयूआई का यह संघर्ष जारी रहेगा जब तक कुलगुरु को उनके पद से बर्खास्त नहीं किया जाता एवं धारा ५२ नहीं लगाई जाती।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई प्रदेश सचिव अदनान अंसारी, प्रतीक गौतम, एजाज अंसारी, राहुल यादव, सक्षम यादव, शफी खान, अंकित कोरी, हर्ष ठाकुर, यस ठाकुर, युग ठाकुर, एश्वर्य नाहर, पुष्पराज राजपुर, आर्यन चौधरी, आदर्श तोमर, आयुष सिंह, साहिल आदि उपस्थित थे।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय: कुलगुरु की अनियमितताओं और महिला अधिकारी के प्रति अशोभनीय आचरण पर एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन,
विश्वविद्यालय के इतिहास में कुलगुरु कि नियुक्ति को बताया काला धब्बा, तत्काल धारा ५२ लगाने की मांग, विश्वविद्यालय में रौंपे बेशर्म के पौधे।
जबलपुर, 06 जनवरी: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीवीवी) के कुलगुरु प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा की अक्षमता, अनियमितताओं और महिला अधिकारी के प्रति अशोभनीय आचरण के खिलाफ एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय सचिव देवकी पटेल, एवं अनुराग शुक्ला के नेतृत्व में आज जोरदार प्रदर्शन किया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने “बेशर्म के पौधे” लगाकर विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और कुलगुरु की अमर्यादित कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई। कुलगुरु के बाहर न आने पर छात्रों ने बेशर्म के पौधे उनकी गाड़ी पर रख दिए। यह बेशर्म के पौधे उन पर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद उनके इस्तीफे न देने के विरोध में रौंपे गए।
एन एस यू आई राष्ट्रीय सचिव देवकी पटेल ने कहा कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जो न केवल विश्वविद्यालय की गरिमा बल्कि शिक्षा व्यवस्था की नैतिकता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े करते हैं। महिला सहायक कुलसचिव ने कुलगुरु पर अशोभनीय आचरण और अभद्र इशारों जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जो महिला सम्मान और कार्यस्थल की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। इसके अलावा, कुलगुरु की नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों का उल्लंघन करते हुए की गई, क्योंकि उनके पास इस पद के लिए आवश्यक अनुभव और योग्यता नहीं है। साथ ही, उनके नेतृत्व में शैक्षणिक अनियमितताएं चरम पर हैं। परीक्षा परिणामों में त्रुटियों, PhD प्रवेश प्रक्रिया में देरी और उत्तर पुस्तिकाओं की लापरवाह जांच ने छात्रों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। कुलगुरु की यह निष्क्रियता और अनियमितताएं विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। ज्ञात हो कि कुलगुरु महोदय छात्रों से मिलते भी नहीं है। उनका छात्रों और उनकी समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। अतः आज उन्हें आईना दिखाने के उद्देश्य से उनके समक्ष बेशर्म के पौधे लगाए हैं।
एन एस यू आई के अनुराग शुक्ला ने कहा कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जो कभी शिक्षा और गरिमा का प्रतीक था, आज अपने नेतृत्व की अक्षमता और अनैतिक आचरण के कारण शर्मसार हो रहा है। कुलगुरु पर लगे महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के आरोप न केवल महिला सम्मान पर गहरा आघात हैं, बल्कि यह हमारे समाज की नींव को भी कमज़ोर करता है। इस मामले में राज्य महिला आयोग द्वारा जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर इस मामले की जांच को कहा है, परंतु यदि कुलगुरु अपने पद पर बने रहेंगे तो निःसंदेह जांच को प्रभावित करेंगे। अतः उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
एनएसयूआई ने कुलगुरु की बर्खास्तगी और स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि:
1. निष्पक्ष जांच: महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों और कुलगुरु की अवैध नियुक्ति की गहन जांच हो।
2.पद से हटाना: कुलगुरु को तत्काल उनके पद से बर्खास्त किया जाए ताकि जांच निष्पक्ष रूप से हो सके।
3.योग्य नेतृत्व: विश्वविद्यालय में छात्रों और कर्मचारियों के हित में एक योग्य, नैतिक और अनुभवी कुलगुरु की नियुक्ति की जाए।
एनएसयूआई का यह संघर्ष जारी रहेगा जब तक कुलगुरु को उनके पद से बर्खास्त नहीं किया जाता एवं धारा ५२ नहीं लगाई जाती।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई प्रदेश सचिव अदनान अंसारी, प्रतीक गौतम, एजाज अंसारी, राहुल यादव, सक्षम यादव, शफी खान, अंकित कोरी, हर्ष ठाकुर, यस ठाकुर, युग ठाकुर, एश्वर्य नाहर, पुष्पराज राजपुर, आर्यन चौधरी, आदर्श तोमर, आयुष सिंह, साहिल आदि उपस्थित थे।