रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव से युवाओं को रोजगार मिलेगा :- डॉ. देवेंद्र विश्वकर्मा, अर्थशास्त्री
ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से एम.एस.एम.ई. को बढ़ावा मिलेगा,
रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव से युवाओं को रोजगार मिलेगा :- डॉ. देवेंद्र विश्वकर्मा, अर्थशास्त्री
राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रीज काॅन्क्लेव का स्वागत करते हुए युवा आर्थिक परिषद के अध्यक्ष एवं भारत आर्थिक परिषद के ई.सी. मैम्बर एवं मध्य प्रदेश प्रभारी अर्थशास्त्री डॉ. देवेंद्र विश्वकर्मा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे रीजनल इंडस्ट्रीज काॅन्क्लेव के माध्यम से जो इंडस्ट्रीज आएंगे ओर रीजनल स्तर पर भी रोजगार देंगे जिससे युवाओं का पलायन रुकेगा एवं उनका रोजगार मिलेगा उन्होंने कहा ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से एम.एस.एम.ई. को बढ़ावा मिलेगा, मध्य प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी की बहुत ही अच्छी स्थिति है हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत मजबूत है और आज के इस कार्यक्रम में 4000 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की जिसमें 15 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी आए थे जो कनाडा, नीदरलैंड, मैक्सिको, आदि से थे साथ ही 15 से अधिक राज्यों से निवेशकों ने मध्य प्रदेश में उद्योग लगाने की सहमति दी जिसमें पर्यटन, आईटी, फुटवेयर, कृषि, कृषि आधारित उद्योग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रीजनल इन्वेस्टमेंट है लेकिन डॉ. देवेंद्र विश्वकर्मा ने यह भी सरकार से मांग की की जो शासकीय उद्योग है उनको भी मजबूत करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय में खाली पड़े बैकलाॅक पदों को भी भरने की आवश्यकता है। मध्य प्रदेश के जनजाति क्षेत्रों में भी जल्द से जल्द ऐसी कॉन्क्लेव का आयोजन हो जिससे जनजातीय युवाओं को भी रोजगार मिले। ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग कैसे पहुंचे एवं छोटे खुदरा व्यापारियों को सरकार को विशेष सहयोग करने की आवश्यकता है। रियल स्टेट में बढ़ता टैक्स को कम करने की आवश्यकता है और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो रोजगार कम हो रहा है उसे और भी ध्यान देने की आवश्यकता है। मध्य प्रदेश में अभी कृषि आधारित उद्योगों की कमी है, कृषि क्षेत्र में शोध की आवश्यकता है एवं जिला स्तर पर निर्यात केंद्र बने जिससे कि किसानों को अपना उत्पादन बाहर बेचकर अच्छे दाम भी उनको मिल सके। मध्य प्रदेश का युवा जो पलायन कर रहा है चाहे वह शिक्षा के कारण हो या रोजगार के कारण ऐसी नीति के माध्यम से उनका पलायन रुकेगा, लेकिन सरकार को उद्योग, संगठन, अर्थशास्त्री, सामाजिक संगठन आदि को भी साथ लेना होगा जिससे कि मध्य प्रदेश में रोजगार की संभावना और बड़े और मध्य प्रदेश आर्थिक रूप से और मजबूत हो।