छोटे उद्योगों की रियायत पर भी कैंची, कंपनी रो रही महंगी बिजली का रोना
अधिकारी बोले, इंडस्ट्रियल घाटा सामान्य उपभोक्ता से अब नहीं वसूलेंगे,उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हाथ-पैर मारना किए शुरु, सरकार पर दबाव बनाने की योजना
छोटे उद्योगों की रियायत पर भी कैंची, कंपनी रो रही महंगी बिजली का रोना
अधिकारी बोले, इंडस्ट्रियल घाटा सामान्य उपभोक्ता से अब नहीं वसूलेंगे,उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हाथ-पैर मारना किए शुरु, सरकार पर दबाव बनाने की योजना
जबलपुर। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली कंपनी द्वारा दिये गये प्रस्ताव को यदि सही समय पर नहीं रोका गया तो छोटे उद्योगों का जीवन भी संकट में आ जाएगा। कंपनी ने कहा है कि चूंकि रात के वक्त वो महंगी बिजली खरीदती है इसलिए उद्योगों को रात के समय दी जाने वाली रियायत से उसे अत्यधिक नुकसान हो रहा है। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली की नई दरों के लिए प्रस्ताव मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। आयोग ने याचिका स्वीकार कर अब आपत्ति मांगी है। कंपनी ने प्रदेश में चार हजार 107 करोड़ रुपये की मांग-आपूर्ति में अंतर जाहिर करते हुए बिजली दर में 7.52 प्रतिशत की वृद्धि करने की अनुमति मांगी है।
-25 हजार इकाईयों पर संकट
आयोग के सामने रखे गये इस प्रस्ताव में उच्च दाब कनेक्शन वाले उद्योगों को रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच मिलने वाली 10 प्रतिशत छूट को वापस लेने का प्रस्ताव रखा गया है। अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो प्रदेश के 15 हजार बड़े और 10 हजार छोटे यानी कुल 25 हजार औद्योगिक इकाइयों को आर्थिक नुकसान होगा। इसके अलावा इस रियायत के कारण जो नई इकाइयां आ सकती है, उनके आने पर भी संशय पैदा हो सकता है।
-उपयोग कोई करे, वसूली किसी और से कैसे करें
इस प्रस्ताव को लेकर कंपनी का तर्क है कि रात के समय बिजली महंगी खरीदनी पड़ती है और उद्योगों को 10 प्रतिशत की छूट रात में देनी होती है। महंगी बिजली खरीदकर सस्ते में देने से इसकी भरपाई अन्य उपभोक्ताओं से करनी पड़ती है, इसलिए कंपनी ने उद्योगों की भी सामान्य दर में बिलिंग का प्रस्ताव बनाया है। वित्त वर्ष 2023-24 में उद्योगों को रात के समय बिजली उपयोग करने पर 20 प्रतिशत तक बिलिंग में रियायत मिलती थी। इसे वर्ष 2024-25 के टैरिफ आदेश में कम कर 10 प्रतिशत तक कर दिया गया था। अब 10 किलोवाट से अधिक वाले सभी उपभोक्ताओं पर टाइम आफ डे टैरिफ लागू करने की प्लानिंग है।