जेल में निरुद्ध भाईयों की कलाई में बहनों ने बांधी राखी
सुबह 7:30 बजे से कई जिलों से पहुंची बहनें, अपराध छोड़ने का लिया संकल्प
जेल में निरुद्ध भाईयों की कलाई में बहनों ने बांधी राखी
सुबह 7:30 बजे से कई जिलों से पहुंची बहनें, अपराध छोड़ने का लिया संकल्प
जबलपुर,नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल में रक्षाबंधन पर सैकड़ों बहनें आज सुबह से अपने कैदी भाइयों को राखी बांधने पहुंचीं हैं। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन पर कैची भाइयों को उनकी बहनों से राखी बंधवाने के लिए व्यापक इंतजाम कर रखे थे। सुबह 8 बजे से दोपहर तक सेंट्रल जेल के मैदान में पंडाल लगाकर राखी बांधने के कार्यक्रम का आयोजन किया था। मैदान में 8 जिलों के कैदी भाइयों के लिए अलग-अलग पॉडल लगाए गए थे। इन पंडालों के पास बहनें पहुंचकर अपने भाइयों की कलाई में राखी बांध रही थी। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन के त्यौहार पर राखी, मिठाई और तिलक
इन सभी का इंतजाम कर रखा था। जेल में बहनों से मिलकर कैदी भाइयों की आंखें नम हो गई। नम आंखों से बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। भाइयों ने अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन दिया। मुलाकात के अवसर पर अधिकांश कैदियों के बच्चे भी पहुंचे थे, जो अपने पापा की गोदी में बैठकर खुशी से झूम उठे।
रक्षा बंधन पर बहनों ने अपने भाइयों से मुलाकात कर उनकी कलाई पर राखी बांधकर भाइयों को अपराध न करने की शपथ दिलाई। इस दौरान कई बंदी भाइयों ने बहनों से बातचीत करते हुए जेल आने के पहले घर में बिताए गए रक्षाबंधन सहित अन्य त्योहारों के खुशी भरे पलों को याद किया, जिससे भाई-बहनों
की आंखों से आंसू छलक पड़े। जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने के लिए सुबह से जेल के सामने
महिलाओं की लंबी कतारें देखी गई।
सुरक्षा के विशेष प्रबंध
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के निर्देश पर बंदियों से मुलाकात के दौरान सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए। बंदियों को जेल के ग्राउंड में पहुंचाया गया। जेल अधीक्षक ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से बाहर से मुलाकात एवं राखी बांधने के लिए पहुंची बहनों को जांच के बाद प्रवेश दिया गया। सभी द्वारों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम थे। बाहर से खाने-पीने का सामान पूरी तरह से प्रतिबंधित था।