इमोशनल पुलिसिंग के लिए याद रखे जाएंगे विद्यार्थी
जबलपुर में और रहते तो मिलता उनके अनुभवों का अधिक लाभ
आईपीएस तुषारकांत विद्यार्थी का भोपाल तबादला, जबलपुर में और रहते तो मिलता उनके अनुभवों का अधिक लाभ, कार्यकाल के दौरान शुुरु किए कई नवाचार
जबलपुर। आईपीएस तुषारकांत विद्यार्थी भले ही अब भोपाल में अपने नए ओहदे को संभालेंगे,लेकिन उन्हें जबलपुर कई बातों के लिए याद रखेगा। श्री विद्यार्थी ने डीआईजी के पद पर रहते हुये पुलिस के इमोशनल चेहरे को जनता के सामने लाने का प्रयास किया और वे इसमें काफी हद तक सफल भी रहे। बहुत छोटे से कार्यकाल में टीके विद्यार्थी न केवल जनता,बल्कि पुलिस महकमे के छोटे कर्मचारियों का दिल जीतने के प्रयास भी खूब किए। श्री विद्यार्थी का जबलपुर से जुड़ाव इस वजह से भी था,क्योंकि वे यहां बतौर पुलिस अधीक्षक भी काम कर चुके हैं।
-क्या किया,जो कभी नहीं हुआ
डीआईजी श्री विद्यार्थी ने पहली बार पुलिस कर्मचारियों के जन्म दिन मनाने की परंपरा की शुरुआत की। हमेशा काम में लगे रहने वाले पुलिस कर्मियों के लिए ये किसी नैमत से कम नहीं है,जब उनके विभाग का उच्चाधिकारी उनके बर्थडे का सेलिबे्रट करे। श्री विद्यार्थी ने उन बुजुर्गों के दु:ख को भी कम करने की बेहतरीन कोशिश की,जो अपनों से दूर हैं या जिनके अपने उन्हें छोड़कर चले गये हैं। हाल ही, जब एक युवक डिजिटल अरेस्ट होने के बाद एक युवक श्री विद्यार्थी के पास फरियाद लेकर पहुंचा तो उन्होंने किसी अन्य अधिकारी को निर्देशित करने के बजाए प्रकरण को खुद हैंडल किया और युवक को प्रताड़ना से मुक्त कराया।
-अभी और रुकना था…
अचानक भोपाल से आए तबादले के फरमान के बाद कहा जा रहा है कि श्री विद्यार्थी को अभी जबलपुर में और रुकना था ताकि उनके अनुभवों और सोच का लाभ शहर को मिल सकता। श्री विद्यार्थी जबलपुर शहर की समस्याओं को दूर करने के लिए सतत प्रयास करते रहे हैं। इसके अलावा उन्हें पुलिस कर्मचारियों की चिंता भी थी कि किस तरह से इन्हें काम के दौरान आने वाले तनावों से मुक्त कराया जाए। विभाग के अधिकारी भी अपने आला अफसर के असमय तबादले से निराश हैं,लेकिन चूंकि प्रक्रिया है इसलिए इस पर किसी तरह की टिप्पणी करने कोई तैयार नहीं है।