american history – The Prapanch https://www.theprapanch.com India's Top News Portal Wed, 14 Aug 2024 05:50:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://www.theprapanch.com/wp-content/uploads/2024/04/cropped-Screenshot_9-32x32.jpg american history – The Prapanch https://www.theprapanch.com 32 32 इतिहास जैसा था उसे वैसा जानना, पढ़ना और पढ़ाना आज की महती की आवश्यकता है https://www.theprapanch.com/there-is-a-great-need-today-to-know-read-and-teach-history-as-it-was/ https://www.theprapanch.com/there-is-a-great-need-today-to-know-read-and-teach-history-as-it-was/#respond Wed, 14 Aug 2024 05:50:58 +0000 https://www.theprapanch.com/?p=2811 समरसता सेवा संगठन ने वीर दुर्गादास राठौर एवं वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की जन्मजयंती पर किया विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन]]>

इतिहास जैसा था उसे वैसा जानना, पढ़ना और पढ़ाना आज की महती की आवश्यकता है

समरसता सेवा संगठन ने वीर दुर्गादास राठौर एवं वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की जन्मजयंती पर किया विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन

जबलपुर। हम जो है वो हमें पता होना चाहिए, इतिहास जैसा था वैसा हमे जानना, पढ़ना और पढ़ाना चाहिए यह आज की महती आवश्यकता है क्योंकि जिन देशों ने अपनी पहचान भूलने का कार्य किया उनका अस्तित्व या तो मिट गया या मिटने की ओर अग्रसर है, इसका उदाहरण पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देश हमारे सामने है यह बात विचारक और चिंतक श्री प्रशांत बाजपेई ने समरसता सेवा संगठन द्वारा वीर दुर्गादास राठौर एवं वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की जन्मजयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम के अवसर पर आर्य समाज मंदिर में कही।

समरसता सेवा संगठन द्वारा वीर दुर्गादास राठौर एवं वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की जन्मजयंती परमुख्य अतिथि श्री भीष्म सिंह राजपूत, मुख्य वक्ता श्री प्रशांत बाजपेई, विशिष्ठ अतिथि श्री अनिमेष अटल, समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन, सचिव उज्ज्वल पचौरी की उपस्थिति में विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता श्री प्रशांत बाजपेई ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा हमारे देश में कई छोटे बड़े राजा महाराजा हुए किन्ही का राज्य बहुत विशाल था तो किन्ही की जागीर बहुत कम थी और चाहे मुगलों का समय हो या अंग्रेजो की पराधीनता का समय हो तब इन वीर राजाओं ने अपनी जागीर, अपना राज्य अपनी भूमि बचाने के लिए बलिदान दिए पर उनके मन में भाव राष्ट्र के प्रति थे। कहने का तात्पर्य है हमारे वीर पुरुषो और देवियों ने जो किया वह देश के लिए किया और दृष्टि हमेशा अखिल भारत की ही रही है, उन्ही में से हुए वीर दुर्गादास राठौर और वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी हुए जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिए समर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा समाज में हर समय बड़े बड़े संघर्ष होते रहे, इन संघर्षों में हमारे इन्ही वीरों और वीरांगनाओ ने अपना बलिदान देते हुए समाज को जोड़ने के साथ साथ देश को आक्रांताओं से बचाने का कार्य किया। देश ने इतनी लड़ाइयां लड़ी, करोड़ों लोगो का बलिदान हुआ सैकड़ों वर्षों तक संघर्ष चलता रहा और उन संघर्षों में हमारे वीर बलिदानियों ने जो योगदान दिया उसे लोग याद न कर सके, इसीलिए इतिहास को मिटाने का षड्यंत हुआ और आज भी ऐसा बहुत सा इतिहास हमारे देश का है जिसे हम नही जानते।

उन्होंने कहा हमारा समाज बड़े निशाने पर है इसीलिए हमे निकलना होगा और सामाजिक समरसता को अब विचार गोष्ठी से निकलकर अपने व्यवहार में लाना होगा नही तो जात पात के नाम जिस तरह तोड़ने का कार्य पहले हुआ है उसको पुनः करने का कार्य कुछ शक्तियां कर रही है।

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