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bargi dam jabalpur

भारत सरकार, जनजाति विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुर्गा दास जी उईके जी का दिनांक 24/8/2024 को…

निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि यहां आकर मै गौरानवित महसूस कर रहा हूं  और गढ़ा गोंडवाना संरक्षण संरक्षण संघ जबलपुर के संभागीय अध्यक्ष किशोरी लाल भलावी, कार्यवाहक अध्यक्ष अजय झारिया, जिलाध्यक्ष नेम सिंह मरकाम, एड. बालकिशन चौधरी, गया प्रसाद…

आगामी त्योहारों को देखते हुए शहर की रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था को देखने निगमायुक्त प्रीति यादव ने…

नागरिकों को डस्ट से राहत पहुॅंचाने रोड़ स्वीपिंग मशीन से कराई जा रही है सड़कों की सफाई

मॉं नर्मदा के तट जिलहरी घाट में ब्राम्हणों के महापर्व श्रावणी उपाकर्म को संपन्न

श्री बगलामुखी सिद्ध पीठ शंकराचार्य मठ में श्रावण मास की पूर्णिमा में ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानंद जी महाराज श्री के परम सान्निध्य में उपनीत द्विजों के द्वारा मॉं नर्मदा के तट जिलहरी घाट में ब्राम्हणों के महापर्व श्रावणी उपाकर्म को संपन्न कर।…

समरसता सेवा संगठन के कजलियां महोत्सव ने रचा इतिहास

बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों, महिलाओं युवाओं की भी रही भागीदारी समरसता भारतीय संस्कृति की आत्मा है। समरसता के बगैर भारतीय समाज निष्प्राण है। समरसता सेवा संगठन ने आज समाज में समरसता के प्राण फूंके हैं।

अधोहस्ताक्षरकर्ता आपसे निवेदन करते हैं कि हम केन्ट क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाल आयुध निर्माणी खमरिया…

र्मचारियों को सस्ते दर पर समान उपलब्ध कराना उद्देश्य परन्तु पिछले कई वर्षों से इस सोसाइटी में कर्मचारियों को सदस्य नहीं बनाया जा रहा

सीवर पाइप लाइन एवं सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण करने निगमायुक्त प्रीति यादव का सघन दौरा

शहर के अनेक क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा विकास के कार्य कराये जा रहे हैं। जिसके अंतर्गत सीवर लाइन बिछाने, सड़कों के निर्माण एवं मरम्मत,

पिगरी चौराहे से शिवपुरी मुख्य मार्ग होते हुए, खेर माई मंदिर कजरवारा के सामने से, सिद्धेश्वरी मंदिर,

वंदना विनोद जी के घर तक कजरवारा में लगभग 1.5 किलोमीटर लंबाई की, लगभग एक करोड़ रुपए से बनने वाली सड़क, का भूमि पूजन कैंट विधानसभा के लोकप्रिय विधायक माननीय श्री अशोक ईश्वर दास रोहाणी जी के मुख्य आतिथ्य में क्षेत्रीय पार्षद बहन कृष्णा दास…

विरंजन सागर मुनिराज ने किया 500 जोड़ों का संस्कार

उन्होंने कहा विवाह हमारी संस्कृति के 16 संस्कारों में श्रेष्ठ संस्कार है। और जब इस संस्कार पर गुरुओं का आशीर्वाद मिल जाता है तो व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है। बड़े ही सौभाग्य के दिन होते हैं जब संत स्वयं चलकर श्राविकाओ का संस्कार करते हैं।