सनातन धर्म के उत्थान एवं तत्कालीन मुगल बादशाहों द्वारा किये जा रहे जुल्मों को समाप्त करने के संघर्ष…
वास्तव में यह शांति और उन्माद के बीच संघर्ष था जिसमें गुरू तेगहादुर साहिब जी ने धर्म को बचाने के लिये स्वयं के साथ ही अपने पूरे परिवार के प्राणों की आहुती दी।