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वैदिक परम्परा में भक्ति पारसमणि से भी ज्यादा अनमोल है मुनि विरंजन सागर

नन्हे जैन मंदिर एवं बरियावाल मंदिर ट्रस्ट चातुर्मास कमेटी के तत्वाधान में मुनिराज ने आज अपने प्रवचन में कहा कि श्रावकजनों आप अगर ईश्वर को पाना चाहते है तो आप उनकों अपने भावों से अर्घ समर्पित कर उनकी स्तुति करें। यह वह माध्यम होता है, जिससे…

भक्त और भगवान की मित्रता से जगकल्याण: स्वामी नरसिंह दास जी महाराज

भक्त और भगवान की मित्रता से जग कल्याण और जनहित होता है। भगवान धराधाम में भगवान के अवतारों से प्राणी जगत के सभी चराचर जीवो को मुक्ति प्राप्त होती है