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divine life

“आनन्द का प्राकट्य ही श्री कृष्ण जन्म है ।-:ब्रह्मचारी चैतन्यानंदजी ।

श्रीमद्भागवत के चतुर्थ दिवस पर महाराज जी ने बताया कि भगवान् कहते हैं कि जो मेरे चरण पकड़ता है मैं उसका तो उद्धार करता ही हूँ ।परन्तु जो मेरे भक्त के चरण पकड़ लेता है