#holi_festival – The Prapanch https://www.theprapanch.com India's Top News Portal Tue, 11 Mar 2025 06:34:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://www.theprapanch.com/wp-content/uploads/2024/04/cropped-Screenshot_9-32x32.jpg #holi_festival – The Prapanch https://www.theprapanch.com 32 32 होलिका दहन की तैयारी में जुटे मूर्तिकार, होलिका दहन परंपरा विदेशों में भी फैली! https://www.theprapanch.com/preparation-for-holika-dahan/ https://www.theprapanch.com/preparation-for-holika-dahan/#respond Tue, 11 Mar 2025 06:34:31 +0000 https://www.theprapanch.com/?p=5957 जबलपुर में होलिका दहन की परंपरा की शुरुआत 1952 में हुई]]>

जबलपुर। संस्कारधानी में होलिका दहन की तैयारी जोरों पर है। मूर्तिकार होलिका की मूर्तियां बनाने में जुटे हुए हैं। इस वर्ष भी शहर के मूर्तिकारों ने नवीनता का संचार किया है और विभिन्न थीम पर होलिका प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं रंग बिरगे कलरों से मुर्ति को रंगा जा रहा है।

शहर की 70 वर्षीय बुजुर्ग मूर्तिकार चमेली बाई प्रजापति अपनी बहुओं के साथ मिलकर कई वर्षों से तरह-तरह की आकर्षक डिजाइन में होलिका की मूर्तियां बना रही हैं। ये मूर्तियां छोटी से लेकर 25 फिट तक की बनती हैं।

होलिका की प्रतिमाओं में मूर्तिकार सामाजिक संदेश भी देने का प्रयास करते हैं। ये मूर्तियां शहर से बाहर भी मंगाई जाती हैं। चमेली बाई ने बताया कि होली में उन्हें हर साल बाहर से होलिका व प्रह्लाद की मूर्तियों के ऑर्डर मिलते हैं। इस वर्ष भी सिहोरा, कटनी सतना, नरसिंहपुर, गोटेगांव, सिवनी, लखनादौन, छपारा, सागर, डिंडोरी से ऑर्डर मिले हैं।

जबलपुर में होलिका दहन की परंपरा की शुरुआत 1952 में हुई थी। तब से यह परंपरा देशभर में फैल गई है। कल्चुरिकाल, गौंडकाल और फिर बाद में भौंसले शासन के दौरान भी होलिका दहन होता था, लेकिन तब उसमें मूर्ति नहीं होती थी।

]]>
https://www.theprapanch.com/preparation-for-holika-dahan/feed/ 0