news from india – The Prapanch https://www.theprapanch.com India's Top News Portal Tue, 17 Sep 2024 15:51:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://www.theprapanch.com/wp-content/uploads/2024/04/cropped-Screenshot_9-32x32.jpg news from india – The Prapanch https://www.theprapanch.com 32 32 एफआईआर से हटा भाजपा नेता का नाम, पुलिस कटघरे में https://www.theprapanch.com/bjp-leaders-name-removed-from-fir-police-in-the-dock/ https://www.theprapanch.com/bjp-leaders-name-removed-from-fir-police-in-the-dock/#respond Tue, 17 Sep 2024 15:51:17 +0000 https://www.theprapanch.com/?p=3387 गोसलपुर में रेत खदान धंसने का मामला,ग्रामीण जन पहुंचे एसपी ऑफिसभाजपा नेता बोले, पार्टी के लोग मुझे बदनाम कर रहे]]>

 

 

जबलपुर। तीन माह पहले गोसलपुर थाना के कटरा रमखिरिया के पास अवैध रेत खदान धंसने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि तीन घायल हो गए थे। घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरु की। स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि भाजपा मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी अपने दो अन्य साथियों के साथ अवैध रेत खनन करवा रहे थे। ग्रामीणों के बयान पर गोसलपुर थाना पुलिस ने भाजपा नेता अंकित तिवारी और दो अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जिस भाजपा नेता अंकित तिवारी का रेत खनन हादसे में नाम जोड़ा जा रहा है, वह उस दौरान ना ही मौके पर था और ना ही रेत खनन से उसका ताल्लुक है। लिहाजा पुलिस ने भाजपा नेता अंकित तिवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर से नाम हटा दिया था। इस मामले को लेकर बवाल मचना शुरू हो गया है।
-ग्रामीणों ने कहा,हमने दबाव में दिये बयान
कटरा रमखिरिया गांव के लोग गत दिवस एसपी ऑफिस पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को बताया कि भाजपा नेता अंकित तिवारी के साथी बयान बदलने को लेकर दबाव बना रहे थे, इसलिए एसडीओपी के सामने जो बयान उन्होंने दिए हैं, वे सत्य नहीं हैं। ग्रामीणों ने पुलिस को कई तथ्य और प्रमाण भी दिखाए। पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच की जायेगी।
-संगठन वाले कर रहे फंसाने की साजिश
इधर
अंकित तिवारी ने कहा है कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लग रहे हैं, वह निराधार हैं। राजनीति के चलते नाम को उछाला जा रहा है। भाजपा नेता अंकित तिवारी ने बिना नाम पार्टी के नेताओं पर साजिश करने के आरोप लगाते हुए कहा कि वे जल्द ही संगठन और सीएम को लिखित में शिकायत करेंगे।
-नहीं मिले साक्ष्य-एसडीओपी
एफआईआर से नाम हटाए जाने को लेकर एसडीओपी पारुल शर्मा का कहना है कि तीन माह पहले जिस अवैध रेत खदान के धसने से तीन लोगों की मौत हुई थी, उसकी जांच की गई तो अंकित तिवारी के खिलाफ साक्ष्य और प्रमाण नहीं मिले हैं। इसके साथ ही उनके मोबाइल लोकेशन भी ट्रेस की गई थी। ग्रामीणों के बयान भी लिए गए हैं। इसमें अंकित तिवारी का नाम न होने के कारण उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया गया है। कुछ दिन पहले एसपी ऑफिस पहुंचकर ग्रामीणों ने अंकित तिवारी के खिलाफ शिकायत की है, जिसकी जांच करवाई जा रही है।
-हादसे में गयीं थी तीन जानें
5 जून 2024 की दोपहर मुकेश, मुन्नी बाई और राजकुमार सहित कई लोग खदान से रेत निकाल रहे थे, तभी एक खदान धंसक गई। इस रेत खदान धसकने के मामले में अंकित तिवारी सहित सोनू भदौरिया और केसू ठाकुर के नाम भी आए थे, जो जमानत पर हैं। हादसे में मुकेश (35) पिता जगन खटीक, मुन्नी बाई (38) पति जगन बसोर, राजकुमार (29) पिता कैलाश खटीक की मौत हो गयी थी, जबकि
खुशबू (25) पति विनोद, सावित्री (35) पति अनु बसोर, चांदनी (20) पिता राजू बसोर घायल हो गए थे।

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भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध पखवाड़ा https://www.theprapanch.com/indian-defence-workers-union-observes-fortnight-of-protest-against-central-government/ https://www.theprapanch.com/indian-defence-workers-union-observes-fortnight-of-protest-against-central-government/#respond Fri, 19 Jul 2024 03:35:00 +0000 https://www.theprapanch.com/?p=2320 कल 19 जुलाई को देश के समस्त सुरक्षा संस्थानों में वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा । अपनी आठ सूत्रीय मांगो के विषय में संघ के नेताओ ने जानकारी दी ।]]>

जबलपुर । भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध पखवाड़ा के तहत आज पत्रकार वार्ता में संघ के श्रमिक नेताओ ने विस्तृत चर्चा कर अपनी भावी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कल 19 जुलाई को देश के समस्त सुरक्षा संस्थानों में वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा । अपनी आठ सूत्रीय मांगो के विषय में संघ के नेताओ ने जानकारी दी ।
घंटाघर कॉफी हाउस में आयोजित वार्ता में बीपीएमएस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र तिवारी ,पूर्व सचिव श्री रामप्रवेश सिंह के साथ राष्ट्रीय संयुक्त सचिव श्री रूपेश पाठक ने बताया कि केंद्र सरकार के हम मांग करते है कि नई पेंशन योजना को समाप्त किया जाए और गारंटीशुदा पेंशन योजना को पुरानी पेंशन योजना यानी सीसीएस पेंशन नियम 1972 (अब 2021) के रूप में लागू करना बहाल किया जाए।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों, राज्य सरकारों के कर्मचारियों और स्वायत्त निकाय के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते को संशोधित करने के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाना चाहिए। वेतन आयोग न केवल कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर ध्यान देता है, बल्कि कर्मचारियों की सेवा शर्तों आदि की भी समीक्षा करता है ताकि समाज की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हो सके और एक कुशल विभागीय सेट-अप तैयार कर सके जो पूरा हो सके। भारत के नागरिकों की आकांक्षाएं. पिछला संशोधन जनवरी 2016 में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित था। उपरोक्त उद्देश्य के लिए हर 10 साल पर वेतन आयोग का गठन करने की प्रथा रही है। हम जनवरी 2026 तक वेतन और भत्तों में संशोधन सुनिश्चित करने के लिए 8वें वेतन आयोग के तत्काल गठन का आग्रह करते हैं।केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों/संस्थानों में कई पद खाली हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारियों के सेवानिवृत्त हो चुके है और पद नहीं भरे जाने के कारण सरकारी विभागों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है ।हम सरकारी विभागों की दक्षता बनाए रखने के लिए सभी रिक्तियों को भरने पर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं। इससे बेरोजगारी भी कम होगी । आयकर छूट वाली आय की सीमा ₹800,000 होनी चाहिए, और कर्मचारियों को राहत देने और उनमें बचत को प्रोत्साहित करने के लिए मानक कटौती की राशि भी बढ़ाई जानी चाहिए। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी और 80 डी के तहत मौद्रिक सीमा को भी बढ़ाया जाना चाहिए।केंद्रीय कर्मचारी समूह बीमा योजना 1980 को 7वीं सीपीसी की सिफारिशों के अनुसार संशोधित किया जाना चाहिए। सीजीईजीआईएस के तहत, कर्मचारियों को चौथे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार क्रमशः ₹15,000, ₹30,000, ₹60,000 और 120,000 की बीमा राशि मिलती है, जिसमें से क्रमशः ₹15, ₹30, ₹60 और 120 की कटौती की जाती है। हम सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए बीमा राशि को न्यूनतम 15 लाख तक बढ़ाने की मांग करते हैं। जिन कर्मचारियों को अपनी वार्षिक वेतन वृद्धि की तारीख से एक दिन पहले यानी 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें पेंशन लाभ के उद्देश्य से एक अनुमानित वेतन वृद्धि दी जानी चाहिए। पूरे एक वर्ष की सफल सेवा के बाद वेतन वृद्धि दिये जाने का नियम है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय, विभिन्न उच्च न्यायालयों और कैट ने इस मामले में कर्मचारियों के पक्ष में फैसले दिए हैं। जिन कर्मचारियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, उन्हें यह लाभ दिया गया है, जबकि अन्य लोग इसी तरह के व्यवहार के लिए माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य हैं। इसलिए, हम इस मामले में एक अनुमानित आदेश प्रदान करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी करने की मांग करते हैं । उन सभी कर्मचारियों को पेंशन लाभ के लिए वेतन वृद्धि, जो 31 दिसंबर या 30 जून को सेवानिवृत्त हो चुके हैं या सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार 1 जनवरी और 1 जुलाई को निर्धारित की गई थी। पेंशन कम्युटेशन की वसूली 15 वर्ष के स्थान पर 12 वर्ष की जाये। पेंशन के परिवर्तित मूल्य पर ब्याज दर 2.66 वर्षों में वसूल की जा सकती है। कम्यूटेशन फैक्टर 8.194 है (61 वर्ष के लिए यानी कर्मचारी के अगले जन्मदिन के लिए)। इस प्रकार, परिवर्तित राशि की कुल वसूली अवधि है
94 2.66 10.85 वर्ष।पूरी तरह ठीक होने के बाद भी पेंशनभोगी भुगतान करता रहता है । 15 वर्ष, और इस प्रकार वह चला जाता है
4 वर्षों से अधिक के लिए अतिरिक्त भुगतान करना (15 वर्ष घटा 10.85 = 4.15 वर्ष)। इस प्रकार 4.15 वर्षों से अधिक वसूली हो रही है। हमारे पास 4 वर्षों तक कोई जोखिम कारक नहीं हो सकता क्योंकि पेंशन के परिवर्तित मूल्य की वसूली 10.85 वर्षों में हो जाती है। कम्युटेशन राशि प्रदान करते समय भारतीय बीमांकिक संस्थान की मृत्यु दर तालिका के अनुसार जोखिम कारक को पहले से ही ध्यान में रखा जाता है। डीआरडीओ के पुनरुद्धार पर प्रोफेसर के विजय राघवन समिति की कर्मचारी विरोधी, स्थापना विरोधी सिफारिशें को रद्द किया जाना चाहिए ।लंबे समय तक इन अनसुलझे मामलों के कारण कर्मचारियों में भारी असंतोष और अशांति है। कर्मचारियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उनके शीघ्र समाधान के लिए कई उपायों की घोषणा करें। आयोजित वार्ता में राजेन्द्र चराडिया,दशरथ ठाकुर , अतुल साहू ,प्रेम लाल सेन अरुण मिश्रा , सतिन शर्मा कृष्ण कुमार शर्मा अमित सैनी ,रवीश रंजन ,मोहित बनौधा आदि शामिल थे ।

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