चुनावी पारदर्शिता और निष्पक्षता पर उठते सवाल ?
प्रत्यारोपों और जुमले बाजी शवाब पर है। मतदाता हैरान है। जितनी तेजी से मुद्दे बदल रहे हैं वैसे तो मौसम भी नहीं बदलते। विडंबना यह है कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार चुनाव आयोग की भूमिका भी बहस का मुद्दा बन गई है।