सम दृष्टि और सम भाव से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है शिक्षक
समरसता सेवा संगठन ने शिक्षक दिवस पर नेत्रहीन कन्या विद्यालय के शिक्षको का किया सम्मान
जबलपुर। शिक्षक दिवस के अवसर पर समरसता सेवा संगठन ने मुख्य अतिथि समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल ‘सक्षम’ महाकौशल प्रांत के सचिव श्री पीयूष जैन, नेत्रहीन कन्या विद्यालय के प्राचार्य श्री पूनमचंद्र मिश्रा, समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन की उपस्थिति में नेत्रहीन कन्या विद्यालय राइट टाउन में दृष्टि बाधित बच्चो को शिक्षा देने वाले शिक्षकों का सम्मान किया।
कार्यक्रम में सक्षम के प्रांतीय सचिव श्री पीयूष जैन ने कहा हम किसी जाति समुदाय के हो, हमारी उपासना पद्धति कोई भी हो पर हमे आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले गुरु की आवश्यकता होती है और माता पिता के बाद शिक्षक ही होता है जो हमे जीवन के उतार चढ़ाव, अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों में किस तरह अपने आप को ढाल कर आगे बढ़ सकते है, इसकी शिक्षा देता है।
शिक्षक ही वे मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें सही दिशा दिखाते हैं। हमारे ज्ञान को बढ़ाने का काम करते हैं। हमें जीवन के कठिन मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी मेहनत का फल हम अपने जीवन में पाते हैं।
उन्होंने कहा आज समरसता सेवा संगठन ने शिक्षक दिवस के पुण्य अवसर पर ऐसे शिक्षको को सम्मानित करने का कार्य किया है जो हमारे दृष्टि बाधित बच्चो को अपने दृष्टि देते हुए शिक्षित कर रहे है आज इस अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।
समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा आज शिक्षक दिवस के अवसर पर हम अपने शिक्षको का सम्मान और अभिनंदन कर स्वयं को गौरवान्वित कर रहे है क्योंकि हमारे जीवन में शिक्षक ही ऐसे व्यक्ति होते है जो बिना किसी भेदभाव और बिना किसी स्वार्थ के अपने ज्ञान को समान रूप से अपने शिष्यों को देते है सही मायने में शिक्षक ही समाज में समरसता भाव के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है उनके लिए न तो कोई बड़ा होता है न कोई छोटा, न कोई अमीर होता है न कोई गरीब और न ही शिक्षक जाति समुदाय का भेद अपनी शिक्षा में करते है इसीलिए गुरु का स्थान ईश्वर के तुल्य माना गया है।
उन्होंने कहा शिक्षा से समाज की प्रगति और विकास होता है। यह केवल ज्ञान प्राप्ति का तरीका नहीं है, बल्कि हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करता है। यह बताता है कि समाज में हमारी भूमिका क्या होगी। शिक्षा से हमें सोचने की क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति और समाज के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराती है।
आज इस विशेष दिन पर हमें चाहिए कि हम शिक्षा की शक्ति को समझकर समाज में अपना योगदान दें। शिक्षा को अपने जीवन में पूरी तरह से उतारें, जिससे हम एक समृद्ध और ज्ञानवर्धन समाज बना सकें।
उन्होंने कहा आज शिक्षक दिवस के अवसर पर समरसता सेवा संगठन द्वारा नेत्रहीन विद्यालय में दृष्टि बाधित बच्चो को शिक्षा देने वाले शिक्षकों का सम्मान किया गया यह हमारे संगठन के लिए भी गौरव की बात है।
इस अवसर पर नेत्रहीन विद्यालय के प्राचार्य श्री पूनमचंद मिश्रा, शिक्षक श्रीमती माया पटेल, श्रीमती किरण केवट, श्रीमती रेखा नायडू, श्रीमती किरण इमनाते, श्री सतीश बर्मन, श्री रोहित पांडे का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर संगठन के सचिव उज्ज्वल पचौरी, संतोष झरिया, अभिनव यादव, सौरभ यादव टीटू, विनीत यादव, महेंद्र रघुवंशी, आशु रजक उपस्थित थे।