देश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा संस्कारधानी जबलपुर में भव्यता के साथ निकाली गई

लाखो की संख्या में कांवड़िये सुबह माँ नर्मदा के तट ग्वारीघाट पहुंचे और कांवड़ में।

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प्रदेश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा संस्कारधानी जबलपुर में भव्यता के साथ निकाली गई ,,, लाखो की संख्या में कांवड़िये सुबह माँ नर्मदा के तट ग्वारीघाट पहुंचे और कांवड़ में।जल लेकर 35 किलोमीटर दूर लंबी कांवड़ यात्रा के लिए बम भोले के जयकारों के साथ निकल पड़े । विगत कई वर्षों से संस्कारधानी में आयोजित की जा रही इस ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा में इस बार रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक कांवड़िये शामिल हुए ,, कहने को संस्कारधानी में निकलने वाली प्रदेश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुकी है ।

वीओ – सावन के इस पवित्र माह में पूरी संस्कारधानी जबलपुर शिव भक्ति में रम गई है सावन महीने के दूसरे सोमवार में जबलपुर में एक विशाल कावड़ यात्रा निकाली गई। संस्कार कावड़ यात्रा जबलपुर में हर वर्ष सावन के दूसरे सोमवार में निकाली जाती है। जबलपुर में निकाली जाने वाली कावड़ यात्रा में लाखों की संख्या में कांवड़िए नर्मदा जल लेकर कैलाश धाम की ओर रवाना हुए। करीब 35 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में बच्चे बुजुर्ग महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में शामिल होते हैं । इस बार भी भव्य कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिली । कांवड़ यात्रा के इस भव्य आयोजन के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम रखे थे ,,, करीब 500 की संख्या में पुलिस जवानों के साथ साथ प्रत्येक एक किलोमीटर के दायरे में एक एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी । कांवड़ियों के स्वागत के लिए जगह जगह मंच भी लगाए गए औऱ पानी के साथ साथ फल का भी वितरण कांवड़ियों को किया गया । करीब 35 किलोमीटर लंबी इस कांवड़ यात्रा में झांकिया भी आकर्षण का केंद्र रही ,, जगह जगह भगवान भोलेनाथ पर केंद्रित झांकियो ने हर किसी का आकर्षण खिंचे रखा ।

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