मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में फर्जी नर्सिंग कॉलेज को लेकर कल हुई महत्वपूर्ण सुनवाई का विस्तृत आदेश आज जारी हुआ।

कल जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्राईवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन की तरफ से ये मांग की गई थी.

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जबलपुर- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में फर्जी नर्सिंग कॉलेज को लेकर कल हुई महत्वपूर्ण सुनवाई का विस्तृत आदेश आज जारी हुआ। हाईकोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए कहा है कि सत्र 2020-21 में जो कॉलेज संचालित थे और उसके बाद खुले समस्त कॉलेज को जांच के दायरे में लाया जाएगा और सीबीआई इन तमाम कॉलेजों की जांच फिर से करेगी,,,,, प्रदेश में ऐसे कॉलेजों की संख्या लगभग 700 से अधिक है। पहले चरण में सीबीआई द्वारा 308 कॉलेज की जांच की जा चुकी थी जिसमें 169 कॉलेज को सूटेबल बताया गया था। मामले में रिश्वत कांड सामने आने के बाद अब हाई कोर्ट के निर्देश पर सूटेबल कॉलेज की भी जांच हाईकोर्ट के आदेश के तहत वीडियोग्राफी और न्यायिक अधिकारी की मौजूदगी में संपन्न होगी। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में सीबीआई जांच के बीच बंद हो चुके या बंद होने जा रहे नर्सिंग कॉलेजों की जांच ना करवाने की मांग हाईकोर्ट ने ठुकरा दी है…कल जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्राईवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन की तरफ से ये मांग की गई थी…इसमें कहा गया कि कई नर्सिंग कॉलेज सीबीआई की जांच शुरु होने के बाद बंद हो चुके हैं और कुछ कॉलेज संचालक अपने नर्सिंग कॉलेज बंद करने जा रहे हैं लिहाजा उनकी जांच ना करवाई जाए…हाईकोर्ट ने इस तर्क पर हैरानी जताते हुए बड़ी टिप्पणी की…कोर्ट ने कहा कि ये जानना जरुरी है कि क्या कॉलेज सीबीआई जांच के डर से बंद हो रहे हैं और अगर उनमें गड़बड़ियां हैं तो उसका दोषी कौन है.. इसी के साथ हाईकोर्ट ने साल 2020 के बाद खुले सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच करवाने की मंशा जताई है…सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और सरकार को भी सुना था…इधर नर्सिंग कॉलेजों की ओर से सत्र 2021-22 के लिए नामांकन प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई..इस पर कोर्ट ने कहा कि ये विषय उनकी परीक्षा से पहले देखा जाएगा फिलहाल सत्र 2020-21 की परीक्षाएं हो जाने दें।

बाइट- विशाल बघेल अधिवक्ता

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