नौनिहालों तक न पहुंचे नशे का डोज

शहर में नाबालिग बच्चे बोनफिक्स, सुलोचन, कोरेक्स और थिनर जैसे नशीले पदार्थों का सेवन कर अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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नौनिहालों तक न पहुंचे नशे का डोज

नाबालिगों को नशीली वस्तु बेचने वालों पर प्रशासन सख्त:धारा 163 के तहत होगी कार्रवाई, कलेक्टर बोले- प्रभावी अंकुश जरूरी,संगठनों से आगे आने की अपील

जबलपुर। शहर में नाबालिग बच्चे बोनफिक्स, सुलोचन, कोरेक्स और थिनर जैसे नशीले पदार्थों का सेवन कर अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इन नशीले पदार्थों को नाबालिगों को बेचने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में आदेश जारी करने की बात कही है।

-मिलकर करना होगा काम
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा है कि अब धारा 163 के तहत नाबालिग बच्चों को कोरेक्स, बोनफिक्स, सुलोचन और थिनर जैसी नशीली वस्तुओं का विक्रय रोकने के लिए प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस समस्या पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए समाज के लोगों और सरकारी तंत्र को मिलकर सख्त कदम उठाने होंगे। फिलहाल, बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए धारा 163 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

-मासूम बच्चे हो रहे नशे का शिकार

गौरतलब है कि हाल ही में खबर आई थी कि जबलपुर में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है। इसका शिकार न केवल युवा बल्कि 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी हो रहे हैं। रेलवे स्टेशन और शहर के अन्य इलाकों में सड़कों पर घूमने वाले बच्चे सुलोचन और बोनफिक्स का नशा करते देखे गए हैं। नशे के आदी ये बच्चे यह भी नहीं समझते कि वे अपनी जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि नशीली चीजें इन्हें आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। साथ ही, नशे के आदी बच्चे अपने साथियों को भी इस लत में डाल देते हैं।

-स्वास्थ्य पर बुरा असर
जिला अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार, कम उम्र में नशे की आदत बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती है। इससे वे टीबी और कैंसर जैसी घातक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा, उनकी मानसिक स्थिति भी खराब हो सकती है, और इस लत को पूरा करने के लिए वे आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
कुछ सामाजिक संगठन और प्रशासन इस समस्या को रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

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