आरक्षकों के भरोसे पूरी व्यवस्था, अखंड जाम से कराह उठे श्रद्धालु।
ग्वारीघाट मार्ग पर रेंगा यातायात अब हर पूर्णिमा-अमावस्या सहित खास दिनों पर जाम के नजारे
जबलपुर,वैशाख मास की पूर्णिमा/बुद्ध पूर्णिमा (BUDHHA PURNIMA) को सुबह करीब 4 बजे नर्मदा नदी के ग्वारीघाट-तिलवारा सहित अन्य घाटों में ‘स्नान दान’ के लिए पहुंचे श्रृद्धालुओं को पहली बार ऐसे भीड़ जाम जूझना पड़ा। उमाघाट के लिए जाने वाले धर्मप्रिय लोग 2 से 3 घंटे के अथक परिश्रम के बाद घाट पर पहुंचे। बुद्ध पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पर एकाएक इतनी संख्या में लोगों के पहुंचने की या तो जिम्मेदारों को उम्मीद नहीं थी, या फिर उस हिसाब से तगड़ी व्यवस्था नहीं की गई। थाना ग्वारीघाट और तिलवारा थाना की पुलिस (POLICE) के भरोसे ही पूरी सुरक्षा और वाहन व्यवस्था रही। सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ग्वारीघाट तक जाने वाले हर मार्ग में वाहनों का रेला देखा गया है। श्रृद्धालुओं सहित वाहन चालकों को सुरक्षित घाट तक पहुंचाने में पुलिस के आरक्षक/प्रधान आरक्षक की दिखाई दिए। बड़े अधिकारी संभवतः 10 बजे के बाद पहुंचे, तब तक लोग सड़कों पर जूझते रहे। इससे पहले भी नर्मदा जयंती के मौके 2 लाख से अधिक श्रृद्धालु नर्मदा घाट में स्नान करने के लिए पहुंचते रहे हैं। पुलिस-प्रशासन द्वारा समुचित संपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के चलते भक्तों को कभी परेशानी नहीं हुई।
शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों से नर्मदा नदी पहुंचने के लिए ग्वारीघाट मार्ग पर सुबह कई किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा, जिसके चलते पैदल आवागमन करने वालों को भी बमुश्किल भीड़ से बाहर निकलने की जगह मिल पाई। हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल व शहर के धानों के अधिकारियों को बुलाना पड़ा। काफी देर तक जाम में फंसे लोग यातायात व्यवस्था को कोसते रहे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिलहरी घाट, उमाघाट में नर्मदा दर्शन व स्नान करने पहुंचे ब्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्ग की ओर रवाना किया गया। एक घंटे की मशक्कत के बाद वाहन धीरे-धीरे निकले।
वाहन चालक नहीं करते
नियमों का पालन
परिवार सहित 4 पहिया वाहनों में नर्मदा स्नान के लिए आए लोगों को जहां जगह मिली वहां वाहन पार्क कर लापता हो गए। कुछ लोगों ने भीड़ से बचने के लिए आधे रास्ते से ही वाहन विपरीत दिशा में मोड़ दिए, जिसके बाद ग्वारीघाट मार्ग पर देखते ही देखते सड़क पर जाम लग गया।