समाज को नशामुक्त करने जैन मुनि की पदयात्रा, हर दिन 10 किलोमीटर चल दे रहे हैं नशामुक्ति का संदेश।
युवाओं में बढ़ते नशे से चिंतित जैन मुनि सुधाकर महाराज ने नशा मुक्ति अभियान के तहत पदयात्रा शुरू की है
समाज को नशामुक्त करने जैन मुनि की पदयात्रा, हर दिन 10 किलोमीटर चल दे रहे हैं नशामुक्ति का संदेश।
युवाओं में बढ़ते नशे से चिंतित जैन मुनि सुधाकर महाराज ने नशा मुक्ति अभियान के तहत पदयात्रा शुरू की है यह यात्रा नवम्बर माह में रायपुर से शुरू हुई जो अब मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुकी हैं रविवार को मुनीश्री की यात्रा छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश सीमा को पार कर मंडला जिले के मोतीनाला पहुंची यंहा पर मुनि श्री के अनुयायियों ने भव्य स्वागत किया।
मुनिश्री के साथ चल रहे अनुयाइयो ने बताया कि मुनि श्री प्रतिदिन दस किमी पैदल यात्रा करते हैं एक जनवरी तक यह यात्रा जबलपुर पहुंच जाएगी ज़हां नशा मुक्ति के खिलाफ कार्यक्रम के साथ साथ समाज में शांति हेतु मंगल पाठ का आयोजन किया जाएगा। मुनिश्री सुधाकर जी महाराज ने बताया कि चार माह चौमास रायपुर में काटने के बाद आचार्य श्रवण जी ने मध्यप्रदेश की तरफ जाने का आदेश दिया इसके बाद हम मध्यप्रदेश की तरफ अपनी यात्रा लेकर निकल पड़े। हमारी यात्रा का हमेशा एक ही उद्देश्य होता है कि जन जन में सद्भावना का जागरण हो नशामुक्ति के संदर्भ में हम विशेष कार्य करते हैं जहां जहां से हमारी यात्रा गुजरती है वहां वहां कोशिश होती है कि स्कूल में जाकर विद्यार्थीयों के बीच में नशामुक्ति की जानकारी दें
हिंसा करना या हिंसा करने वालों का समर्थन भी पाप।
आचार्य सुधाकर महाराज का कहना है कि हिंसा किसी भी देश क्षेत्र समाज धर्म के लिए बेहद नुकसानदायक होता है हिंसा का समर्थन करने वाले भी एक तरह से पाप ही करते हैं हिंसा से हिंसा बढ़ती है जैन मुनि होने के नाते यही कहूंगा हिंसा किसी के लिए भी कल्याणकारी नहीं है हमें अहिंसा में विश्वास रखकर शांति सद्भाव में विश्वास रख कर आगे बढ़ना होगा इसी में मानव का कल्याण है। समाज को ऐसे स्लोगन देने की आवश्यकता है जिससे लोग आपस में जुड़े एक दूसरे का विश्वास करें इससे ही समाज की तरक्की संभव है।