नए नाम ने बदल दिया संग्राम
जबलपुर में भाजपा का जिलाध्यक्ष कौन होगा, इसका खुलासा होने में अब ज्यादा देर नहीं है।
नए नाम ने बदल दिया संग्राम
भाजपा जिलाध्यक्ष का चयन अंतिम चरण में, गुटों को नहीं दी गयी तवज्जो,पूर्व विस का नेता दौड़ में हुआ शामिल,सारे दावेदारों का कॉन्फिडेंस अब भी सातवें आसमान पर
जबलपुर। जबलपुर में भाजपा का जिलाध्यक्ष कौन होगा, इसका खुलासा होने में अब ज्यादा देर नहीं है। गुटबाजी के तूफान और शक्ति प्रदर्शन के घमासान के बीच धीरे-धीरे नाम तय हो रहे हैं। हालाकि, भाजपा सभी
नाम एक साथ घोषित करने के वादे से बदल गयी और अब तक दो किश्तें जारी कर चुकी है। आने वाली किश्त भी आखिरी होगी या नहीं, ये तय नहीं है। जबलपुर जिलाध्यक्ष के लिए एक नया नाम तेजी से आगे बढ़ गया है। जिसका नाम है रत्नेश सोनकर। इस उलटफेर से पार्टी के नेता और दावेदार सब चौंके हुए हैं,लेकिन अभी आशाएं जीवित हैं और शुरु से इस दौड़ में बरकरार चेहरों ने हार भी नहीं मानी है। इन्हें उम्मीद है कि किसी भी समय कुछ भी हो सकता है।
-इस नाम पर दांव क्यों
पार्टी के जानकारों का कहना है कि जबलपुर ग्रामीण के लिए राजकुमार पटैल को कमान सौंपकर पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी का ध्यान रखा है। यदि रत्नेश सोनकर को अध्यक्ष का जिम्मा सौंपा जाता है तो अनुसूचित जाति का समीकरण भी सध जाएगा। इससे पहले लोकसभा चुनाव में ब्राम्ö चेहरे को टिकट देकर उस वर्ग के असंतोष को कम किया जा चुका है। इसके अलावा ये भी माना जा रहा है कि पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव में पूर्व विधानसभा क्षेत्र से मजबूत प्रत्याशी की भी आवश्यकता है इसलिए भी रत्नेश का चयन किया जा सकता है।
-दोनों गुटों को नो रिस्पॉंस
जबलपुर में पार्टी के ही दो ताकतवर गुटों के बीच आई दरार ने जबलपुर जिलाध्यक्ष का चुनाव बेहद जटिल बना दिया था। अंतत:हल ये निकाला गया कि जिलाध्यक्ष इन दोनों ही गुटों में से नहीं होगा। इस लिहाज से भी रत्नेश का नाम आगे बढ़ाया गया है। रत्नेश संघ और भाजपा के लिए समर्पित हैं और अब तक किसी गुट विशेष के कृपापात्र नहीं हैं। हालाकि,नाम उछलने के बाद धीरे-धीरे परतें खुलेंगी।
-पांच में किसे मिलेगा पॉवर
जबलपुर जिलाध्यक्ष के दावेदारों की बात करें तो कमलेश अग्रवाल, शरद अग्रवाल,पंकज दुबे, रवींद्र पचौरी के बाद अब रत्नेश सोनकर का नाम जुड़ गया है। पांचों दावेदारों की अपनी राजनैतिक कहानी है। चार दावेदार पहले ही मैदान में डटे हुये थे और अपनी किस्मत खोलने के लिए चाबी तलाश रहे हैं। हालाकि, भाजपा के प्रति सभी दावेदारों का समर्पण नि:संदेह अटूट है,लेकिन जिलाध्यक्ष तो कोई एक ही बनेगा।
-सच निकली अग्निबाण की खबर
दैनिक अग्निबाण ने गतांक में प्रकाशित समाचार में राजकुमार पटैल को ग्रामीण अध्यक्ष का प्रमुख दावेदार बताया था,बल्कि सिंगल नाम होने की पुष्टि की थी। सोमवार को भाजपा की ओर से जारी दूसरी सूची में राजकुमार पटैल के नाम ऐलान कर दिया गया।
-जब तक ऐलान नहीं, तब तक कोशिश
जबलपुर के एक दर्जन से अधिक दावेदारों ने हार अब भी नहीं मानी है। प्रत्याशियों के समर्थक तो ये मानकर चल रहे हैं कि घोषणा होगी तो उनके ही नेता की होगी,लेकिन सच्चाई ऐसी नहीं है। जुलूस और स्वागत कार्यक्रमों की रूपरेखा भी बन चुकी है। भाजपा में एक गुट ऐसा भी
है,जो उसी तरफ दिखाई देगा,जिसके नाम पर ठप्पा लग जाएगा। उल्लेखनीय है कि पार्टी को पांच जनवरी तक लिस्ट जारी करनी थी,लेकिन नेताओं के वजन से दबा हुआ संगठन ऐसा नहीं कर सका। हर नेता की अपनी पसंद थी और बीच का रास्ता नहीं निकल रहा था इसलिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चला और धीरे-धीरे किश्तों में अध्यक्षों को ऐलान शुरु हुआ। पार्टी के बड़े नेताओं ने कहा कि इस बार जिस कदर गुटबाजी ने बवाल मचाया,इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।