जबलपुर से फ्लाइट कनेक्टिविटी शीघ्र बढ़ाई जाए, एक ही मांग।

वायुसेवा संघर्ष समिति के सम्मेलन में जनता ने भरी हुंकार।

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जबलपुर। जबलपुर को वायु सेवा के राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने वायु सेवा संघर्ष समिति का एक वृहद सम्मेलन आज आयोजित किया गया जिसमें बड़ी संख्या में जबलपुर के अलावा अन्य जिलों के संस्थाओं के प्रतिनिधि, उद्योग व्यापार क्षेत्र के प्रतिनिधि, चिकित्सा स्टार्टअप्स, युवा, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं आदि उपस्थित थे जिन्होंने एक ही स्वर में मांग की कि जबलपुर से फ्लाइट कनेक्टिविटी शीघ्र आरंभ की जाए।

वायु सेवा संघर्ष समिति के संयोजक हिमांशु खरे ने बताया कि यह सम्मेलन आयोजित करने का मुख्य प्रयोजन जबलपुर के इर्द-गिर्द के शहरों के नागरिकों को भी जोड़ना है ताकि वह भी इस आंदोलन में सक्रियता से जुड़ सके। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि आने वाला समय प्रतिस्पर्धा का है जिस शहर से मांग तीव्रता से उठेगी तथा यदि वह रूट लाभदायक होगा तो विमानन कंपनियां उसे रूट की तरफ रुख करेंगी। जबलपुर से अभी मात्र पांच वायु सेवाएं संचालित होती हैं जो कि कभी किसी समय पर 16 हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष हर उसे व्यक्ति का है जो की जबलपुर का नागरिक है क्योंकि वायु सेवाएं अब विलासिता की नहीं बल्कि जनउपयोग की वस्तु है।

महाकौशल चेंबर के मानसेवी मंत्री शंकर नागदेव ने कहा कि आज के सम्मेलन में जनप्रतिनिधि भी आमंत्रित थे परंतु एक दल विशेष के जन प्रतिनिधियों की उपस्थित इस महत्वपूर्ण आयोजन में नहीं थी। उन्होंने कहा कि आंदोलन को गैर राजनीतिक तौर पर देखने की आवश्यकता है और यदि निर्वाचित जनप्रतिनिधि इसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं तो वायु सेवा संघर्ष समिति खुद ही इतनी सक्षम है कि वह अपनी लड़ाई स्वयं लड़ सकती है तथा सफलता भी प्राप्त कर सकती है।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी के जैन ने कहा कि अधिवक्ताओं का इस संघर्ष में पूर्ण समर्थन है क्योंकि वकालत के पेशे में अधिवक्ताओं का एक से दूसरे शहर में आना जाना बहुत होता है। फ्लाइट्स ना होने से इसमें बड़ी रुकावट एवं दिक्कत महसूस की जारी है।

चिकित्सक डॉक्टर पवन स्थापक ने कहा कि यदि फ्लाइट्स कनेक्टिविटी अच्छी हो तो मरीजों की जान बच सकती है, लोग नागपुर या भोपाल होकर इलाज कराने मुंबई दिल्ली अन्य शहरों में जाते हैं लेकिन अब फ्लाइट कनेक्टिविटी ना होने से गंभीर मरीज को अपने इलाज के लिए जूझना पड़ेगा।

जबलपुर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहां के बड़े शहरों से फ्लाइट ना होने की स्थिति में अधिवक्ताओं को भी बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है उन्होंने अपने संस्था का समर्थन वायु सेवा संघर्ष समिति के अभियान को देने का वचन दिया।

नरसिंहपुर चेंबर के मनोहर साहू ने बताया कि नरसिंहपुर जिला अपनी कई व्यवस्थाओं के लिए जबलपुर पर निर्भर है और वायु सेवाओं के न होने पर वहां के व्यापारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पूर्व विधायक संजय यादव ने इस अवसर पर कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता निर्वाचित कर भेजती है और यदि वही जनप्रतिनिधि जनता के आंदोलन में और जनता की दुख तकलीफ में ना खड़े हो तो यह बेहद शर्मनाक एवं दुर्भाग्य जनक है।

गाडरवारा चेंबर के अशोक राजपूत ने भी आंदोलन में अपने समर्थन एवं अपने क्षेत्र के व्यापारियों के सहयोग का आश्वासन किया।

जबलपुर नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एवं उसके कार्यकर्ता समिति के संघर्ष में साथ हैं एवं जबलपुर की वायु कनेक्टिविटी की मांग जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक यह आंदोलन अनवरत चलता रहे।

उद्योगपति कैलाश गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि विमान सेवाओं का ना होना एक व्यापारिक फांसी की तरह है जहां व्यापार को नुकसान का सामना करना पड़ता है उन्होंने कहा की इस संघर्ष को प्रधानमंत्री तक पहुंचना चाहिए ताकि वे यहां के नागरिकों की समस्या को संज्ञान में ले सकें।

जबलपुर जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष निलेश जैन ने कहा कि हमारे यहां के जन प्रतिनिधि श्रेय लेने के खून में आगे रहते हैं जिस कार्य का श्रेय लेते हैं तो असफलता को भी स्वीकारना चाहिए।

सभा को कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र पचौरी ने संबोधित करते हुए बताया की सफेद हाथी की तरह जबलपुर विमानतल में प्रति माह लगभग एक करोड़ की राशि का व्यय होता है लेकिन फ्लाइट्स नगण्य हैं। आयोजन में संदेश जैन, दीपक सेठी, पिंकी जैन, अंजू भार्गव, क्रेडाई अध्यक्ष धीरेश खरे, डॉक्टर पी जी नाजपांडे, कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी दिनेश यादव ने भी संबोधित किया।

आज के सम्मेलन को सफल बनाने में आरिफ बेग, हिमांशु राय, अजीत पवार, प्रीति चौधरी, नितिन भटनागर, तन्मय चौधरी, राजपूत आदि का सहयोग था।

सम्मेलन में डा जौहरी, डॉ सुधीर तिवारी, डॉ अश्विनी पाठक, डॉ मयूर जैन, आई के खन्ना, अभिषेक ध्यानी, राजुल कारसोलिया, नीता नारंग, बलविंदर मान, वैश्य समाज, जबलपुर गारमेंट एसोसिएशन, संस्कारधानी सर्व ब्राह्मण महिला महासंघ, स्वर्णकार संगठन, एकता परिषद, बड़ी खेरमाई मंदिर महिला समिति, दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन, मानव अधिकार क्रांति संगठन, भारतीय वरिष्ठ नागरिक संगठन, हिंदू टाइगर फोर्स, रोटरी क्लब, पेंशनर्स समाज, डिप्लोमा इंजीनियर संगठन, जैन युवा महासंघ, मम्मीज़ ऑफ जबलपुर, प्रतिकल्प फाउंडेशन आदि संस्थाओं के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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