विगत कुछ वर्षों में प्रदेश की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्विद्यालय जबलपुर में फिक्स्ड डिपॉजिट FD के मामले में भारी अनियमितता की गई है जिसमें बड़े भ्रष्टाचार की पूर्ण संभावना है उक्ताशय का आरोप लगाते हुए CBI enquiry की मांग नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच तथा अभिभावक संगठन मध्य प्रदेश द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्य मंत्री को ईमेल कर की है।
जैसा की सर्वविदित है मेडिकल यूनिवर्सिटी में एफ डी घोटाले की जांच हेतु यूनिवर्सिटी द्वारा एक कमेटी गठित की गई है परंतु मामला गंभीर है उक्त जानकारी देते हुए मनीष शर्मा प्रांतीय संयोजक नागरिक उपभोक्ता मंच ने बताया कि पूर्व में वित्त नियंत्रक द्वारा वर्ष 2020–2021 में चालू खाते में 40 करोड़ से अधिक की एफ डी की थी जिसके संबंध में वित्त नियंत्रक को नोटिस जारी किए गए इसकी ऑडिट हेतु ऑडिटर को निर्देशित किया गया था परंतु ऑडिटर द्वारा 2018–19 के लेखों की जगह 2021–2022 की लेखों का ऑडिट कर रिपोर्ट प्रस्तुत की, स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास किया गया इस अवधि में कुलगुरु दुबे तथा कार्यवाहक कुल गुरु संभागायुक्त थे।
CBI जांच हो
मंच के प्रफुल्ल सक्सेना, राकेश चक्रवर्ती, विनोद पांडे, सन्तोष वर्मा, पवन कोरव, अरविंद स्थापक, सज्जाद, मयंक, अंकित, इमरान आदि ने गंभीर आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए यूनिवर्सिटी स्तर पर जांच कमेटी को नाकाफी बताया , महत्वपूर्ण मामले की जांच CBI से करवाने हेतु पत्र भेजा।