फर्जी फायर NOC पर संचालित हो रहा ये अस्पताल देखिए पूरी सच्चाई

नगर निगम के बाद स्वास्थ्य विभाग ने थमाया नोटिस

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जबलपुर। उखरी विजय नगर स्थित अस्पताल कांड की आग का मामला सबको याद होगा,इस हादसे में कई बेकसूर, मासूम लोगों की जान गई थी। घटना ने पूरे मध्यप्रदेश के अधिकारियों व स्वास्थ्य महकमे को झकझोंर दिया था। हादसे की पुनरावृत्ति दोबारा न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालांे में डंडा चलाना शुरू किया। सबसे पहले उन अस्पतालों को चिहिन्त किया गया जहां पर फायर एनओसी नहीं थी। ऐसे अस्पतालों का पंजीजन निरस्त किया गया परंतु जानकर हैरान होगी शहर के बीचो-बीच स्थित महाकोशल अस्पताल में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अस्पताल के बने कई वर्ष हो गए परंतु अस्पताल प्रबंधन द्वारा फायर एनओसी नहीं ली सबसे खास बात ये है कि अस्पताल के संचालन के पहले स्वास्थ्य विभाग को जो कागज दिए गए उसमें फायर एनओसी भी शामिल थी। जबकि हाल ही में नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया गया है जिसमें फायर एनओसी लेने का जिक्र किया गया है। सवाल ये उठता है कि जब अस्पताल के पास एनओसी का कागज था ही नहीं तो फिर स्वास्थ्य विभाग को नगर निगम ने कौन सा कागज दिया है।

महाकोशल अस्पताल की आड़ में लंबा खेल
सूत्रों का कहना है कि महाकोशल अस्पताल की आड़ में नगर निगम फायर विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने लंबा खेल खेला है। दोनों ही विभाग ने फर्जी तरीके से अस्पताल संचालन के लिए अच्छी मोटी रकम अस्पताल प्रबंधन से प्राप्त की है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस अस्पताल के पास शुरूआत से ही फायर एनओसी नहीं है उसे मरीजों की जान के साथ खेलने का पूरा मौका दिया गया। एक ओर फायर विभाग का कहना है कि एनओसी नहीं दी गई दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग एनओसी कागज होने का दावा कर रहा है।

अस्पताल संचालन के पहले देनी पड़ता है एनओसी का कागज
बताया जा रहा है कि अस्पताल शुरू करने के पहले स्वास्थ्य विभाग को नगर निगम द्वारा जारी की गई फायर एनओसी की कापी अस्पताल संचालक द्वारा जमा करनी होती परंतु महाकोशल अस्पताल ने फायर एनओसी जमा तो की है परंतु वह फर्जी है। इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अधिकारियों के बयान कर रहे हैं।
नगर निगम द्वारा अस्पताल के एनओसी के कागज दिए गएः संजय मिश्रा
संयुक्त संचालक क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाएं डाॅक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि
महकोशल अस्पताल के संचालन के पहले नगर निगम द्वारा फायर एनओसी के कागज जमा किए गए थे जो अभी विभाग के पास उपलब्ध है। बगैर एनओसी मिले अस्पताल का संचालन होना मुश्किल था। सबसे अहम बात ये है कि नगर निगम को यह चैक करना है कि किस अस्पताल के पास एनओसी है की नहीं और जिस अस्पताल के पास एनओसी नहीं है उसका रजिस्टेशन रद्द करना चाहिए।

महाकोशल अस्पताल को कोई एनओसी नहीं दी गई हैः कुशाग्र ठाकुर
नगर निगम फायर अधीक्षक कुशाग्र ठाकुर का कहना है कि महाकोशल अस्पताल को नोटिस जारी कर फायर एनओसी क्यों नहीं ली गई इस बारे में पूछा गया है। नगर निगम द्वारा कभी भी महाकोशल अस्पताल को फायर एनओसी जारी नहीं की गई है। स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसी कोई एनओसी है तो वह बताएं। किसी भी अस्पताल को फायर एनओसी लेने पर ही संचालन की छूट दी जा रही है।

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