थानों में मंदिर कब बने और किसने इजाजत दी

हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब पेश करने 7 दिन की आखिरी मोहलत दी,कहा, जल्द सूची सबमिट करें

0 3

थानों में मंदिर कब बने और किसने इजाजत दी

हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब पेश करने 7 दिन की आखिरी मोहलत दी,कहा, जल्द सूची सबमिट करें

जबलपुर। मध्यप्रदेश के थानों में पहले से बने या बन रहे मंदिरों पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए 7 दिन की आखिरी मोहलत दी है। 19 नवंबर और इसके पहले 4 नवंबर को भी हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था।
सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा, जल्द से जल्द राज्य सरकार पूरे प्रदेश के थानों के अंदर बने मंदिर और अन्य धार्मिक
स्थलों की पूरी सूची पेश करे।हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि प्रदेश के किस थाने में कब मंदिर बनाए गए और मंदिर बनाने के लिए आखिर किसने आदेश दिए थे?
-कोर्ट ख़ारिज कर चुका है आपत्तियां
याचिका जबलपुर के ओपी यादव ने दायर की है। एक महीने पहले भी इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने थानों में बन रहे मंदिरों पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आखिरकार कैसे सरकारी जमीन पर मंदिर बन रहे हैं? मामले पर सरकार ने अपनी शुरुआती आपत्तियां भी बताई थीं। इसे मानने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है।
सीएस और डीजीपी को नोटिस देकर जवाब मांगा था।
एक महीने पहले याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन और डीजीपी को नोटिस देकर जवाब मांगा था। नोटिस गृह विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग को भी दिए गए।
-फोटो सहित पेश किये थे सबूत
याचिकाकर्ता ओपी यादव ने जबलपुर शहर के सिविल लाइन, लार्डगंज, मदनमहल और विजय नगर थाने में बने मंदिरों की फोटो भी याचिका में लगाई। उन्होंने बताया था कि पुलिस अफसर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता के वकील सतीश वर्मा ने बताया कि थानों में थानेदार धार्मिक स्थल बनवा रहे हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। 20 साल पहले 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बारे में आदेश दिए थे कि सार्वजनिक स्थान, खासकर ऑफिस, पब्लिक रोड पर धार्मिक स्थलों का निर्माण नहीं होना चाहिए।
— अंग्रेजों के समय बने हनुमान मंदिर
जबलपुर सहित प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे थाने भी हैं, जहां अंग्रेजों के समय से मंदिर बने हैं। जबलपुर में ही कोतवाली थाना परिसर में बना हनुमान मंदिर 150 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का निर्माण अंग्रेजी शासन काल में सैनिक पद पर रहने वाले पंडित नाथूराम व्यास द्वारा कराया गया था। इसी तरह मंडला, कटनी, रीवा, सागर, बालाघाट, बैतूल में भी कई थाने हैं, जो अंग्रेजों के समय के हैं। ब्रिटिश सरकार की सैन्य और पुलिस छावनी में मंदिर और दूसरे धार्मिक स्थल बनाए जाने की परिपाटी शुरू हुई थी। थानों में जो मंदिर बने हैं, वह ज्यादातर आवासीय परिसर में बने हैं।जबलपुर के कोतवाली थाने में 150 साल पहले मंदिर बना था।

Leave A Reply

Your email address will not be published.